scriptकिस-किस से कैसे लड़े अन्नदाता, केंद्र की तय MSP भी मयस्सर नहीं | Farmers agitated not getting minimum support price | Patrika News

किस-किस से कैसे लड़े अन्नदाता, केंद्र की तय MSP भी मयस्सर नहीं

locationनरसिंहपुरPublished: Oct 16, 2020 03:09:55 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-किसान संघ व कांग्रेस ने सीएम शिवराज चौहान को भेजा ज्ञापन

Farmers agitated

Farmers agitated

नरसिंहपुर. कभी मौसम की मार, कभी कोरोना की मार, सब को झेलते हुए अन्नदाता कड़ी मेहनत कर अनाज पैदा कर रहा है। लेकिन कभी लॉकडाउन के चलते फसलें खेत व खिलहान में सड़ जा रही हैं तो कभी सरकारी गोदामों में पहुंचते-पहुंचते दाने खराब करार दिए जा रहे हैं। अब इनमें से कुछ नहीं तो केंद्र सरकार स्तर से तय समर्थन मूल्य (MSP) भी नहीं मिल पा रहा। ऐसे में ये किसान कहां जाएं, किससे गुहार लगाएं। थक हार कर किसान संघ ने कांग्रेसजनों के साथ मिल कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन भेजा है।
बता दें कि इस बार जिले में मक्का की अच्छी पैदावार हुई है। केंद्र सरकार ने इसके लिए 1850 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया है। लेकिन किसानों को बमुश्किल 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल का ही भाव मिल रहा है। इससे उनमें असंतोष ही नहीं गुस्सा भी है। पर उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही।
ऐसे में किसान संघ के पदाधिकारियों व आम सदस्यों का दल नृसिंह भवन पहुंचा, इसकी भनक लगते कांग्रेसजन भी आनन-फानन में उनका समर्थन करने पहुंच गए। किसानों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर को सौपा। इस मौके पर जिले भर से आए किसानों ने कहा कि सोयाबीन, उड़द और मक्का की फसलें इस बार खासतौर से बोई गईं थी। इसमें से मक्के की फसल को छोड़कर शेष सभी अतिवृष्टि और अल्पवृष्टि के चलते खराब हो गईं हैं। किसान अब मक्का के उचित दामों पर बिक्री पर ही निर्भर है। इससे प्राप्त होने वाली आय से ही वह आगामी फसलों की तैयारी कर पाएगा।
किसानों ने कहा कि वर्तमान में मक्के का उचित मूल्य उन्हें नहीं मिल रहा है। इससे उनकी दिक्कतें कई गुना बढ़ गईं हैं। उनका ये भी कहना था कि डीजल, बीज, खाद, कीटनाशक, कृषि उपकरण आदि में मूल्यवृद्धि से किसान का लागत मूल्य भी दोगुना से अधिक हो गया है। ज्ञापन में कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा मक्के का समर्थन मूल्य 1850 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। बावजूद इसके मंडियों में मक्का खरीदी की शुरुआती बोली 700 रुपये प्रति क्विंटल लगाई जा रही है। इस राशि से उनकी फसल लागत तक निकलना मुश्किल है। इन परिस्थितियों में सभी किसानों ने एकजुटता से मांग की कि उन्हें कम से कम 1850 रुपये प्रति क्विंटल की दर प्रदान की जाए।
इस मौके पर ज्ञापन सौंपने वाले किसानों ने चेतावनी भी दी कि यदि मांगों पर 7 दिन में ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो सभी किसान उग्र आंदोलन करने बाध्य होंगे।

ज्ञापन सौंपने वालों में नारायण दुबे, विनोद, रीतेश तिवारी, राजेश सिंह लोधी, सुरेश चौधरी, देवेंद्र पाठक, अनिल आदि मौजूद रहे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो