कुछ किसान स्टीयरिंग पर सिर रख कर सोते नजर आए। शनिवार को मंडी के गेट के बाहर किसानों के ट्रैक्टरों की लाइन लगी थी और किसान अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। शुक्रवार को बड़ी संख्या में किसानों के मंडी आने की वजह से मंडी में जगह नहीं बची थी। लिहाजा मंडी प्रशासन ने किसानों को रोक दिया था और फिर यह व्यवस्था की गई थी कि, शनिवार को 300 किसानों को कूपन दिए जाएंगे और फिर कूपन धारक किसान से रविवार को उनकी उपज खरीदी जाएगी।
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केवल 50 कूपन बांटे
यद्यपि शनिवार को 300 कूपन बांटे जाने थे, पर केवल 50 कूपन ही बांटे गए। जिसकी वजह से 250 किसानों को कूपन नहीं मिल सके वहीं और भी किसान निराश हुए। किसानों की मजबूरी यह है कि वे काफी दूर से डीजल फूंक कर हजारों रुपए खर्च कर फसल लेकर आए हैं और अब बिना बेचे वापस नहीं जा सकते लिहाजा सड़क पर ट्रैक्टर खड़े कर इंतजार करना ही होगा। यदि बाहर बेचते हैं, तो रेट सही नहीं मिलेगा और मंडी में बेचना है, तो अपनी बारी का इंतजार करना पड़ेगा।
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