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सिंचाई से सूख रहे डैम

locationनरसिंहपुरPublished: Mar 24, 2019 12:11:04 am

गर्मी में होगी पानी की किल्लत, डैम की भूमि पर हो रही खेती

Farming of dam's land

Farming of dam’s land

गोटेगांव। गोटेगांव के पहाड़ी इलाकों में मौजूद बारिश के मौसम में पानी लबालब भर गया था। मगर इसका उपयोग सिंचाई के लिए कर देने से अब डैम में पानी सूखता जा रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि इस डैम में जितना पानी बचा है वह एक दो माह ही काम आएगा गर्मी के मौसम में यह डैम पूरी तरह से सूख जाएगा।
पहाडी इलाकों में पेयजल का जल स्तर कायम रहे और यहां की असिंचित भूमि सिंचित हो सके इसके लिए कई जगह पर डैम का निर्माण करवाया गया है। इसी कड़ी में भामा ग्राम पंचायत में स्वामी सागर डैम का निर्माण हुआ। इस साल बारिश अच्छी होने से डैम के ओवरफिलो से बारिश का पानी बह गया और डैम पूरी तरह से लबालब हो जाने के बाद भी वर्तमान समय में डैम बहुत खाली हो चुका है। गांव के लोगों का कहना है कि इसी गति से डैम का पानी कम होगा तो गर्मी के मौसम में बहुत समस्या पेयजल के लिए होगी।
डैम का पानी कम होने के बाद यहां पर कुछ लोगों ने टपरिया बनाने के बाद डैम की भूमि पर खेती करने का कार्य प्रारम्भ कर दिया है और ऐसे लोग जगह जगह पर फसल लगा कर डैम के पानी का उपयोग कर रहे हैं डैम की खाली जगह पर किसके कहने पर लोग खेती कर रहे है इस संबंध में अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
पहाड़ी इलाके में जो डैम निर्मित कराए गए हैं उनके पीछे मुख्य मकसद यह रहता है कि गर्मी के मौसम में पहाड़ी इलाके में जल स्तर नीचे नहीं गिर पाए इसलिए डैम में पर्याप्त जल मौजूद रहना चाहिए। मगर इन डैमों का संरक्षण करने वाले उक्त दिशा में कोई कदम नहीं उठाते है और उस पानी का पूरा उपयोग सिंचाई करने में कर देते हैं। जहां पर डैमों में कम पानी हो गया है वहां भविष्य को दृष्टि में रख कर डैम में पानी बचाने की दिशा में अधिकारी कदम उठाए।

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