तालाब में मिल रहा सीवर का पानी
बताया गया है कि इस तालाब में घरों से निकल रहा गंदा पानी नाली के माध्यम से मिल रहा है। लगातार गंदा पानी मिलने के कारण पूरे तालाब का पानी विषैला हो गया है, जिसके कारण मछलियां दमतोड़ रही है। दूसरी ओर शैवाल के कारण समस्या और बढ़ गई है।
आक्सीजन न मिलने से मौत
इधर, इस मामले को लेकर प्रभारी सहायक संचालक मत्सय रविकुमार गजभिये का कहना है कि तालाब में गंदा पानी मिलने के कारण मछलियों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिसके कारण उनकी मौत हो जाती है। ऐसी स्थिति में तालाब का पानी बदला जाना जरूरी होता है। नगरपालिका व समिति मिलकर चाहे तो तालाब का पानी खाली करवा सकती हैं।
बेकार हुआ लाखों का बीज
समिति के सदस्यों में कैलाश, राधेश्याम, बल्लू, रूपेश, अरविंद, प्रदीप, पुरषोत्तम आदि ने बताया कि यह तालाब उनकी समिति ने शासन से पटटे पर लिया हुआ है। जिसमें इस साल जून के महीने में करीब एक लाख से अधिक रूपयों के मछली के बीज डाले थे। लेकिन ६ माह से अधिक का समय गुजरने के बाद भी मछलियों की पैदावार बढ़ ही नही पा रही है। जो मछलियंा बड़ी हो रही हैं,वे इस शैवाल के संपर्क में आकर जख्मी होकर मरती जा रही है। उन्होंने बताया कि इस शैवाल के नीचे रेशेदार जड़ें होती हैं जो नीचे जालनुमा आकार में बिछी रहती है। इनमें मछलियंा फसकर जख्मी हो जाती है और उनकी मौत हो जाती है।
तालाब के किनारों पर अतिक्रमण भी समस्या
तालाब के किनारों पर चारों ओर से फैलता जा रहा अतिक्रमण इसके लिए समस्या बना हुआ है। यहां अतिक्रमण के कारण साल दर साल इसका अस्तित्व सिकुड़ता जा रहा है। वर्तमान में इस तालाब का पानी अलग अलग हिस्सों में बंटा हुआ नजर आता है। नागरिकों का कहना है कि यदि इस अतिक्रमण की समस्या का निराकरण करते हुए तालाब का एकसा कर दिया जाता है तो इसका सौंदर्य भी चमक उठेगा। बहरहाल जिले की प्रमुख धरोहरों में शुमार इस नरसिंह तालाब को व्यापक स्तर से संरक्षण की जरूरत है।
इनका कहना
नरसिंह तालाब में पानी सडऩे लगा है और कई प्रकार के कचरों के साथ शैवाल भी हो गई है। जिससे यहां पल रही मछलियों पर बुरा असर पडऩे लगा है। हमने शासन को आवेदन दिया है कि तालाब खाली कराया जाए। इसकी सफाई समिति द्वारा नहीं की जा सकी। जलीय जीवों की जान बचाने के लिए इसके अलावा अन्य विकल्प नहीं है।
रामचरण कश्यप, अध्यक्ष, आदर्श मत्स्या उद्योग समिति
समिति सदस्यों से चर्चा कर सफाई के लिए प्लानिंग की जा रही है। जल्द ही सफाईकार्य प्रशासनिक सहयोग से भी कराया जाएगा। यह बात सही है कि कुछ नाली और घरों का पानी तालाब में मिल रहा है। सीवरेज प्लान के लिए शहर में कार्य होने के बाद इस गंदे पानी की तालाब में मिलने की समस्या खत्म हो जाएगी।
किशनसिंह ठाकुर, सीएमओ
तालाब में मछलियों की मौत होना गंभीर मामला है। संबंधित अधिकारियों से जानकारी तलब की जा रही है। जलीय जीवों को बचाने और तालाब के संरक्षण के लिए सभी प्रयास किये जाएंगे। दूषित पानी तालाब में न मिले, इसे लेकर भी ठोस कदम उठाए जाएंगे।
दीपक सक्सेना, कलेक्टर