खरीद केंद्र संचालकों ने खड़े किये हाथ
बताया गया है कि गुरुवार को हुई बारिश के बाद यहां के धान खरीदी केंद्र जलमग्न हो गए। इसके चलते अपनी धान लेकर पहुंचे किसानों को काफी परेशानी का सामना उस समय करना पड़ा, जब खरीदी केंद्र संचालकों ने भीगी हुई धान वापस उठाने के लिए किसानों से कह दिया। किसानों ने बताया कि वैसे ही किसान दो-तीन दिनों से धान खरीदी केंद्रों पर पड़ा हुआ था लेकिन धान खरीदी केंद्रों पर प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे। इसके कारण उनकी धान भीग गई और अब प्रशासन की लापरवाही की सजा किसान भुगत रहे हैं। गौरतलब है कि कई जगह खरीदी केंद्र खेत खलिहान में बनाए गए है और बारिश के कारण यह अब जलमग्न हो गए हैं। जिसके कारण किसानों को अब धान खरीदी केंद्रों से धान उठाकर फि र से सुखाकर लाना पड़ेगी। किसानों का कहना है कि जब हर साल धान खरीदी केंद्र पर धान और गेहूं बारिश में भीगते हैं तो प्रशासन को इस बात को ध्यान में रखते हुए वेयरहाउस में धान की तुलाई कराना चाहिए थी। जबकि यहीं खुले आसमान के नीचे खरीदी गई धान, बाद में खरीदी केंद्र से उठकर वेयरहाउस में जमा होने जाती है। यदि वेयरहाउस में ही धान की तुलाई की जाती तो परिवहन में खर्च होने वाली राशि की बचत तो होती ही साथ में बेमौसम की परेशानी से भी बचा जा सकता था।
घरों और दुकानों में भरा पानी, सडक़ पर कचरा
लगातार दो दिनों की बारिश ने नगर के सफाई इंतजामों की पोल खोलकर रख दी। गुरुवार को हुई बारिश का पानी नालियों के चोक होने के कारण सडक़ों पर बह निकला और इससे नालियों में ठसा हुआ कचरा, पालीथिन, गंदगी सभी कुछ इस पानी में तैरता नजर आने लगा। यही ओवरफ्लो पानी नगर में निचले स्थानों पर बने घरों और दुकानों में भी घुस गया। इसके कारण ठंड के कारण परेशानियों का सामना कर रहे लोगों को एक नई समस्या का सामना करना पड़ा। यहां सुबह से कई लोग अपने घरों और दुकानों में भरा पानी उलीचते नजर आए। गौरतलब है सालीचौका नगर में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण जरा से पानी गिरने पर लोगों के घरों में पानी भर जाता है।
बारिश में यही समस्या
लोगों का कहना है कि पानी निकासी का इंतजाम न होने के कारण बारिश के दौरान मोहल्ले में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। आसपास के घरों में पानी घुस जाता है, फिर भी समस्या के निराकरण के लिए कोई पहल नहीं की गई है। उधर नगर के नाले-नालियां अतिक्रमण की चपेट में हैं। जिन्हें अक्सर लोग कूड़ा कचरा डालकर नाला बंद कर देते हैं। लोगों का कहना है स्थानीय नगर प्रशासन को निचले इलाकों से जलनिकासी की व्यवस्था करनी चाहिए।