scriptमजदूरों का आनंद छीनकर बनाया आनंदम का केंद्र वह भी फ्लाप | flop show of anandam in narsinghpur | Patrika News

मजदूरों का आनंद छीनकर बनाया आनंदम का केंद्र वह भी फ्लाप

locationनरसिंहपुरPublished: Sep 24, 2018 08:53:44 pm

Submitted by:

ajay khare

सुभाष पार्क पर श्रमिकों के लिए बनाया गया था टीन शेड जिसमें बना दिया आनंदम का घर, अब घूम रहे आवारा श्वान

सुभाष पार्क पर श्रमिकों के लिए बनाया गया था टीन शेड जिसमें बना दिया आनंदम का घर, अब घूम रहे आवारा श्वान

anandam

नरसिंहपुर। नगर पालिका ने मजदूरी की तलाश में शहर आने वाले श्रमिकों को मौसम की मार से बचाने के लिए जिस टीन शेड का निर्माण कराया था उसे प्रशासन ने आनंदम का एक हिस्सा बना दिया लिहाजा जहां श्रमिक अब चौराहे पर धूप में खड़े होकर काम की तलाश करते हैं तो वहीं दूसरी ओर आनंदम भी इस जिले में फ्लाप साबित हो चुका है। शासन के आनंद विभाग द्वारा विविध कार्यक्रमों का आयोजन 14 जनवरी से शुरू किया गया था।
२ माह से नहीं हुए अल्प विराम कार्यक्रम
आनंद विभाग के निर्देश थे कि अल्प विराम कार्यक्रम के तहत ऐसे स्वयंसेवकों, आनंदकों को तैयार किया जाए जो कार्यालयों में कर्मियों को सकारात्मक जीवन शैली अपनाने की आवश्यक विधियां उपलब्ध करा सकें । स्वयंसेवक निजी क्षेत्र से अथवा उसी कार्यालय के कर्मचारी हो सकते हैं। शासकीय सेवकों को उनके कार्यस्थल पर ही नियमित अंतराल पर ऐसे कार्यों तथा क्रियाओं में सम्मिलित किया जाए जो उनके जीवन में आनंद का कारक बन सके। काम के बोझ के तले दबे कर्मियों के लिए अल्पविराम के माध्यम से उन्हें कार्यस्थल पर रिलेक्स दिया जाना था।जिले से ७२० लोगों ने आनंदकों के रूप में अपना पंजीयन कराया पर वे कागजों तक सीमित हो गए हैं। पिछले २ माह से किसी भी शासकीय विभाग में अल्प विराम कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया जबकि लगभग सभी विभाग कर्मियों की कमी और काम के अत्यधिक बोझ की वजह से तनावपूर्ण परिस्थिति में काम करने को मजबूर हैं। जिले में आनंदम कार्यक्रम पटरी से उतर चुका है स्कूलों में आनंद सभा कक्षा 9वीं 10वीं 11वी एवं 12वीं के विद्यार्थियों के लिए संचालित की जानी थीं जो फिलहाल ठप पड़ी हैं।
निष्क्रिय पड़े आनंद ग्राम क्लब
ग्रामवासियों की सदस्यता अनुसार आनंद ग्राम क्लब का गठन किया जाना था जिसमें इच्छुक ग्रामवासियों को सदस्य बनाया जाना था। ग्राम के प्रत्येक घर के कम से कम एक सदस्य को अल्पविराम कार्यक्रम से जोड़ कर
ग्राम के प्रत्येक घर में आनंद कैलेण्डर का उपयोग प्रोत्साहित किया जाना था। योग्य ग्रामवासियों का चयन कर उन्हें आनंदम सहयोगियों के रूप में विकसित करना था। गांवों में आनंद क्लब सुप्त पड़े हुए हैं। इसी तरह शहर में बनाए गए तीन आनंद क्लब भी सुप्त अवस्था में पड़े हैं। इनके द्वारा अभी तक एक रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया है।
————
वर्जन
यह बहुत अच्छा कार्यक्रम है पर नियमित गतिविधियां न होने से इस पर उतने प्रभावी ढंग से काम नहीं हो सका है, अल्प विराम कार्यक्रम २ माह पहले आयोजित किया गया था, जल्द ही इसे आयोजित किया जाएगा। सुभाष पार्क पर नेकी की दीवार कार्यक्रम अच्छा चल रहा है।
सुनील कोठारी, आनंदक
————————-
फैक्ट फाइल
प्रदेश में कुल पंजीकृत आनंदक ४८०९
नरसिंहपुर में पंजीकृत ७२०
आनंद क्लब में जिले में कुल पंजीकृत १५
अपूर्ण पंजीयन-६
प्रावधिक पंजीयन-५
पंजीकृत-४
——————————-

आनंद क्लब को करना थे ये काम

किसी के लिए दरवाजा खोल देना।किसी की सच्ची तारीफ करना। किसी को गले लगाना।किसी को खुश करना।
किसी को बैठने के लिए अपना स्थान देना।किसी की बात ध्यान से सुनना।स्वच्छता के लिए कचरा उठाकर डस्टबिन में डालना ।किसी को कतार जाने में अपने आगे देना। किसी नए व्यक्ति को अपनापन जताना। किसी भटके हुए व्यक्ति को दिशा बताना। किसी अजनबी से बात करना। किसी को खरीददारी में मदद करना। किसी के अच्छे काम की सराहना करना। कोई अच्छी पुस्तक दूसरों को पढऩे के लिए देना। किसी व्यक्ति को बताना की वह आपके जीवन में महत्वपूर्ण है। किसी को अपनी गाड़ी की जगह गाड़ी खडी़ करने देना। किसी बच्चे के साथ कहानी पढऩा।
किसी को खुल्लें पैसे देना। किसी प्यारे व्यक्ति को जागते साथ नाश्ता कराना। अपने सहकर्मियों के लिए फल आदि खरीदना।अपने पड़ोसियों को खाने पर आमंत्रित करना। मित्र के बच्चों की देखभाल करने का प्रस्ताव। पुरानी चीजें दान करना। किसी बीमार से मिलने जाना। किसी के लिए उपहार लाना। पडो़सी के लिए कुछ पकाना।
अपनी गलती के लिए माफी मांगना। किसी को गलती के लिए क्षमा कर देना।
कतार में पीछे खड़े व्यक्ति के लिए भुगतान करना। ऐसा कोई काम करना जो समान्यत: नही करते हैं।
किसी जरूरतमंद की सहायता करना। किसी बेघर को खाना देना उनसे बातें करना। किसी अकेले व्यक्ति के घर जाना। रक्तदान। किसी पुराने व्यक्ति से दोबारा संपर्क करना। सहायता राशि जमा करने के लिए कार्यक्रम करना।
दान में अपना समय देना समाज सेवा, उत्सव की योजना बनाना। पड़ोसी के बगीचे की देखभाल करना।
बच्चों को पढाना । किसी प्रतिभाशाली छात्र को पढाई के लिये साधन उपलब्ध कराना ।
किसी बीमार के ईलाज का खर्च उठाना। वरिष्ठ वृद्ध व्यक्ति के पास बैठकर उनकी बात सुनना। सामाजिक संगठनों दवारा किये जा रहे सामाजिक कार्यों में भाग लेना। बच्चों के लिये पिकनिक का आयोजन करना।
कमजोर व्यक्ति को कार पर घुमाना। होटल में किसी को चाय के लिये पैसे देना। नि:शक्त व्यक्ति को कृत्रिम अंग लगवाना ।

ट्रेंडिंग वीडियो