scriptनागपुर के रास्ते दक्षिण जाने एवं राजधानी दिल्ली की दूरी भी हो जाएगी कम | Going south through Nagpur and going to Delhi will also reduce the dis | Patrika News

नागपुर के रास्ते दक्षिण जाने एवं राजधानी दिल्ली की दूरी भी हो जाएगी कम

locationनरसिंहपुरPublished: Jun 30, 2019 11:56:10 pm

छिंदवाड़ा करेली सागर रेल लाइन को मिले प्राथमिकता, केद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से राज्यसभा सांसद ने की मांग

Going south through Nagpur and going to Delhi will also reduce the dis

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नरसिंहपुर। क्षेत्र की रेलवे से जुड़ी आवश्यकताओं एवं कठिनाइयों को लेकर राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से चर्चा करते हुए सुविधाओं के विस्तार की मांग की है। उन्होंने रेलमंत्री को छिंदवाड़ा करेली सागर रेल लाइन के लिए बजट में प्राथमिकता देने के लिए आवेदन दिया है।
राज्यसभा सांसद सोनी ने रेलमंत्री को अवगत कराया है कि सागर-नरसिंहपुर छिंदवाड़ा जिले को जोडऩे वाली प्रस्तावित छिंदवाड़ा करेली सागर लाइन की मांग 1970 से हो रही है, जिसका सर्वे कार्य अगस्त 2017 में पूर्ण हो चुका है। रेलवे बोर्ड के पत्र अनुसार यह रेल लाइन 279.37 किलोमीटर लंबी है जिसकी लागत 4805 करोड़ रूपये प्रस्तावित है। इस मार्ग के बनने से नागपुर के रास्ते दक्षिण जाने एवं राजधानी दिल्ली की दूरी भी कम हो जायेगी। इससे महाराष्ट्र तक क्षेत्र जुड़ जायेगा। यह मार्ग सतपुड़ा बुन्देलखंड अंचल रेल सुविधाओं में देश में सबसे ज्यादा पिछड़ा है। बुंदेलखंड की आबादी देश आबादी का 5 प्रतिशत है, परन्तु रेल लाइन देश की कुल लाइनों की एक प्रतिशत भी नहीं है। यह रेलमार्ग उत्तर भारत में भारत की राजधानी दिल्ली तथा दक्षिण भारत में चैन्नई कन्याकुमारी की लम्बी दूरी को कम करेगा। यह रेल मार्ग 5000 से भी अधिक ग्रामों को सीधे महानगरों से जोड़ेगा व परियोजना से नये रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अपेक्षा है 2019 का रेल बजट में जरूर ही इस पर आवंटन होगा। जिससे लोगों की वर्षों पुरानी अपेक्षा पूरी हो सकेगी।

इधर सुबह टिकट लेना नहीं आसान, एक काउंटर के भरोसे सैकड़ों यात्री
रेलवे स्टेशन में सुबह ८ से १० के बीच टिकट खरीदना आसान नहीं है। इसका कारण इस समयावधि में लगातार ट्रेनों का होना और स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ अधिक होना है। लापरवाही यह है कि टिकट काउंटर दो होने के बावजूद मात्र एक काउंटर ही खोला जाता है, जिससे यात्रियों की कतार लगती जाती है। यही कतार एटीवीएम मशीन पर भी लगी रहती है। कई बार यहां यात्रियों की ट्रेन भी छूट जाती है लेकिन वे टिकट नहीं खरीद पाते।
जानकारी के अनुसार हबीबगंज जबलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस, इटारसी-सतना फास्ट पैसेंजर व भोपाल इटारसी विंध्यांचल एक्सप्रेस ट्रेन सुबह ८ से १० के बीच ही स्टेशन पर पहुंचती है। शहर से रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग जबलपुर, करेली, गाडरवारा, गोटेगांव सहित अन्य स्थानों के लिए सफर करते हैं। ऐसी स्थिति में टिकट खरीदने वालों की भीड़ बढ़ जाती है। यात्रियों की सुविधा को दरकिनार कर कमर्शियल विभाग के कर्मचारी भी सिर्फ एक काउंटर खोलकर बैठ जाते हैं। कतार में लगे यात्रियों ने बताया कि रेलवे कर्मचारी कभी भी दूसरा काउंटर नहीं खोलते, इसके कारण कई बार ट्रेन भी छूट जाती है।
नहीं चलती दोनों एटीवीएम मशीनें : जानकारी के अनुसार रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए दो एटीवीएम मशीनें लगाई गई हैं, जिससे यात्री टिकट काउंटर पर खड़े होने की बजाय एटीवीएम से जल्द टिकट खरीद सकें। लेकिन यहां दोनों मशीनें एकसाथ नहीं चलती। मात्र एक मशीन का संचालन ही किया जा रहा है।

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