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अंचल में दूध घी से अधिक बिकते हैं गुटखे सुपारी तम्बाकू

locationनरसिंहपुरPublished: Feb 05, 2019 12:17:36 pm

Submitted by:

ajay khare

विश्व कैंसर दिवस विशेषछोटे बच्चों को भी लग रही तम्बाकू गुटखे की लत

Gutkha Supari Tobacco sells more than milk ghee in the zone

विश्व कैंसर दिवस विशेषछोटे बच्चों को भी लग रही तम्बाकू गुटखे की लत

गाडरवारा। सोमवार चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस होने के बावजूद कोई आयोजन होने की जानकारी नहीं हैं। जिले के साथ गाडरवारा तहसील के गांव गांव में तंबाकू, गुटखे के अलावा बीड़ी-सिगरेट का प्रचलन जोरों पर है। तंबाकू, एवं बीड़ी, सिगरेट अतिथि सत्कार का जरिया बन कर आम हो चुका है। यहां तक कि छोटे बच्चों को भी इसकी लत लग चुकी है। एक अनुमान एवं थोक दुकानदारों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर में दूध घी से अधिक बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, सुपारी की बिक्री होती है।
दूध के कारोबार से जुड़े लोगों एवं दुकानदारों से मिली जानकारी के अनुसार नगर की लगभग साठ हजार आबादी एवं दुकानों में प्रतिदिन लगभग दस लाख रुपए के दूध, घी, मावे की अनुमानित खपत होती है। वहीं थोक फुटकर किराना दुकानदारों से मिली जानकारी को सही मानें तो नगर एवं आसपास के ग्रामीण अंचल मिलाकर एक कंपनी विशेष के गुटखा पाउच की ब्रिकी ही चालीस से पचास लाख रुपए रोज की है। इसके अलावा सुपारी, तंबाकू एवं बीड़ी सिगरेट मिलाकर यह आंकड़ा चौकाने वाला हो सकता है। बताया गया कि तंबाकू उत्पाद केवल स्थानीय व्यापारियों से ही नहीं बल्कि दुकानदार सीधे भी लाते हैं। इससे उक्त आंकड़े ही सही जानकारी मुश्किल है।
आए दिन नाबालिगों को भी सिगरेट फंूकते, गुटखा पाउच खाते देखा जा सकता है। स्कूल परिसरों के आसपास तंबाकू उत्पादों का विक्रय निषिद्ध है। लेकिन गाडरवारा नगर में ही कुछ स्कूलों के आसपास उक्त दुकानें लगी हैं। अनेक विभाग कार्यालयों में ही कर्मचारी अधिकारी खुलेआम सिगरेट बीड़ी पीते हैं। तंबाकू, पान की पीक से कार्यालयों एवं प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक स्थानों की दीवारों को रंगा देखा जा सकता है। छोटे बच्चे भी किसी दुकान से आसानी से बीड़ी, सिगरेट, गुटखा खरीद सकते हैं।
अब से कुछ साल पहले लगे कैंसर रोग निवारण के नि:शुल्क शिविर में 200 में से लगभग 130 से अधिक लोग संभावित रोगी निकले थे। इसके उपरांत नि:शुल्क कैंसर शिविर नहीं लगा। लेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव शहर के अनेकों लोग जानलेवा बीमारी की चपेट में आने की कगार पर हैं। कुछ लोग बाहर उपचार भी करा रहे हैं। इसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा कैंसर से लोगों को बचाने न कोई जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। न ही तंबाकू उत्पादों के गलत विक्रय, दुरुपयोग पर कार्रवाई होते सुनी है। केवल विश्व कैंसर दिवस पर सोशल मीडिया पर पोस्ट एवं कमेंट के अलावा जागरुकता हेतु कुछ नहीं होता। शायद इसी के चलते तंबाकू उत्पाद तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
एक्सपर्ट ब्यू
कैंसर के चार तथ्य प्रमुख हैं इनमें भोजन, प्रदूषण, फिजीकल एक्टीविटी एवं मेंटल स्ट्रेस, यदि हम संतुलित भोजन करें, हानिकारक रसायनों से बचें, पैदल चलना, साइकिलिंग एवं शारीरिक व्यायाम करने योग ध्यान आदि से कैंसर से बचे रह सकते हैं। कैंसर के लक्षणों की संभावना होते ही तत्काल निदान करना चाहिए। यदि कैंसर एक बार फल गया तो रोकने में मुश्किल होती है। चिकित्सक उपचार से केवल मरीज की आयु बढ़ाने के प्रयास ही कर पाते हैं।
डॉ राकेश बोहरे
चिकित्सालय प्रभारी गाडरवारा
खुले विक्रय पर लगे रोक, लगाएंगे शिविर
प्रशासन द्वारा तंबाकू उत्पादों के स्कूल कॉलेज के पास बिक्री पर रोक लगाने के प्रयास हों। हम लायंस क्लब की मीटिंग में कैंसर रोग निदान शिविर लगवाने का प्रस्ताव रखेंगे। 14 फरवरी को हमारे गवर्नर का प्रवास है उनसे भी शिविर लगाने को कहेंगे। कैंसर पैदा करने वाली चीजों से परहजे ही इलाज है।
कामिनी निगम, डिस्ट्रिक चेयर पर्सन(वृद्ध सेवा)
लायंस क्लब इंटरनेशनल गाडरवारा

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