ग्रामीणों ने बताया कि यह मवेशी बीच पुल पर इस तरह से बैठे रहते हैं कि उनसे बचकर निकलना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में वाहनों को पुल के बिलकुल किनारे से निकालना पड़ता है, जिसमें जरा सी चूक या लापरवाही दुर्घटना का कारण बन सकती है। वहीं दूसरी ओर तेंदूखेड़ा से सहजपुर होकर केसली जाने वाले सडक़ मार्ग के बीच तेंदूखेड़ा के वार्ड क्रमांक 14 जामुन पानी के निकट घोघरा नाले पर बाढ़ का अधिक पानी होने की स्थिति में पुलिया भी साथ में बह गई है। जिससे सहजपुर तरफ से आवागमन प्रभावित हो गया है। हालांकि यहां फ ौरी तौर पर मुरम एवं पत्थर डालकर मार्ग को प्रारंभ कराया तो गया है। लेकिन यह मुरम और पत्थर कब तक ठहर पायेंगे, इसे लेकर कुछ कहा नही जा सकता, क्योकि बारिश का सिलसिला अभी भी जारी है।
गौरतलब है इस मार्ग की हालत काफ ी लंबे समय से गंभीर बनी हुई है। खाईनुमा बड़े-बड़े गडढो के कारण छोटे और बड़े वाहनो के साथ यात्री वाहनों को निकलने में विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है। अनेक बार इस मार्ग पर दुर्घटनाएं घटित हो चुकी है। इसके बावजूद भी इस सुधार या नवनिर्माण नही कराया जा रहा है।
ज्ञात हो इस मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन निकलते हैं तथा सागर जिले के अंतर्गत आने वाले विभिन्न ग्रामों के लिए समय कम दूरी के हिसाब से यह मार्ग काफ ी किफ ायती है। इसके बावजूद भी तेंदूखेड़ा से सहजपुर तक इसका उद्धार नही हो पा रहा है। नरसिंहपुर एवं सागर जिले के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने शीघ्र ही इस मार्ग के शीघ्र उद्धार की मांग की है।
इनका कहना है
वार्ड क्र मंाक 14 में बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई पुलिया पर परिषद द्वारा प्राथमिक स्तर पर मुरम डाली गई है। यहां का निरीक्षण कराया जा चुका है। वैसे यहां से भौंरपानी तक के लिए तीन किमी की सडक़ स्वीकृत हो गई है। इसलिये यहां पर नवनिर्माण संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा कराया जायेगा।
धर्मेंद शर्मा, मुख्य नगरपालिका अधिकारी तेंदूखेड़ा