इस बात की पुष्टि स्वयं सीबीएमओ करेली डॉ. विनय ठाकुर, करते हैं। वह खुद बताते हैं कि एक कोरोना संक्रमित को अस्पताल जाने के लिए तैयार रहने को कहा गया था, तो वह पैदल ही अस्पताल आ गया। डॉ ठाकुर बताते हैं कि गाडरवारा के मरीजों को एंबुलेंस से लाया गया, उन सभी 4 मरीजों को उन्होंने खुद ही जिला अस्पताल भिजवाया है। अभी यहां पर कोविड सेंटर शुरू नहीं हुआ है।
इस बीच जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 50 पार पहुंच गई है। साथ ही कोविड जांच और स्क्रीनिंग में भी कोरोना संदिग्धों की तादाद बढ़कर 48 हजार 476 तक पहुंच गई है। तीन दिन से जिस तरह नए संक्रमित सामने आ रहे हैं उससे आशंका बढ़ रही कि बचाव के मामले में प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और खुद जनता अगर जागरूक न हुई तो हालात फिर से बिगड़ सकते हैं। वहीं रविवार को करेली में एक संक्रमित के बजाए कोविड वाहन के टहलते हुए करेली स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने की स्थिति ने व्यवस्था की खामी भी उजागर कर दी है। दरअसल गनेश वार्ड का वह संक्रमित जिसे अस्पताल जाने के लिए तैयार रहने कहा गया था वह समझा कि करेली अस्पताल ही जाना है तो पैदल आ गया था। जानकारी के मुताबिक जिले में फिलहाल मात्र एक कोविड केयर सेंटर जिला अस्पताल में चल रहा है जहां जिले भर के संक्रमितों का इलाज हो रहा है।
इस बीच कलेक्टर वेदप्रकाश ने बीते दिनों अन्य निकायों में भी कोविड केयर सेंटर शुरू करने के निर्देश जरूर दिए थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को अभी रास्य स्तर से कोविड केयर सेंटर खोलने संबंधी आदेश का इंतजार है। शासन स्तर से आदेश न मिलने के चलते स्वास्थ्य कर्मचारी भी पशोपेश में है। दरअसल पेंच बजट का है। शासन के निर्देश के बगैर कोविड केयर सेंटर चालू करने की सूरत में बजट का प्रबंध करना होगा, जो शासन से ही मिलेगा। लिहाजा फिलहाल एक ही सेंटर से काम चलाया जा रहा है। ऐसे में जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 52 तक पहुंच गई है जिससे स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ गई है, कि ऐसे हीमरीजों की संख्या बढ़ती रही तो जिला मुख्यालय स्थित कोविड सेंटर में फिर बेड बढ़ाने की नौबत आ जाएगी।
जिले के सभी अस्पतालों में सर्दी-खांसी के मरीजों की जांच के साथ ही कोविड जांच व स्क्रीनिंग के बाद 48 हजार 476 मरीजो को प्रशासन ने कोरोना संदिग्ध के तौर पर चि-ति किया है। यह आंकड़ा जितना प्रशासन के लिए चिंता का विषय है उससे कहीं अधिक आमजनों के लिए साबित हो रहा है। लोग कहने लगे है कि जिले में प्रशासन का जिस तरह से रुख सामने आ रहा है, संक्रमित बढ़ रहे है उससे आशंका बढ़ रही है कि कभी भी प्रशासन पुनः लॉकडाउन जैसी स्थिति न ला दे।