नरसिंहपुर

बाढ से तबाही का मंजरः बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति का अनुममान

-कहीं बह गई पुल की रेलिंग तो कहीं बह गया युवक

नरसिंहपुरAug 31, 2020 / 03:24 pm

Ajay Chaturvedi

बाढ में बह गई पुल की रेलिंग

नरसिंहपुर. नर्मदा और सहायक नदियों में आई बाढ से बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति का अनुमान लगाया जा रहा है। आलम यह है कि कहीं पुल की रेलिंग बह गई तो कहीं युवक ही बाढ में बह गया। चारों तरफ तबाही का मंजर है। आम आदमी हो या शासन-प्रशासन अभी तो इस इंतजार में हैं कि बाढ का पानी निकले तो बर्बाद का अंदाजा लगाया जा सके। वैसे अनुमान यह लगाया जा रहा है कि क्षति व्यापक है।
जैसे ही यह सूचना मिल रही है कि कहीं किसी रास्ते में या पुल से बाढ का पानी उतर गया है तो प्रशासन के लोग मौके पर जा कर तबाही का आंकलन करने में जुटे हैं। साथ ही नागरिकों को बार-बार ताकीद किया जा रहा है कि वो बाढ़ वाले इलाकों से दूर रहें। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम भी जारी है। हालांकि कुछ युवक हैं जो नहीं मान रहे और बाढ का नजारा लेने के लिए उफनाई नदियों के किनारे तक पहुंच जा रहे हैं। ऐसे लोगों को लेकर पुलिस व प्रशासन भी परेशान है।
इस बीच रविवार को पता चला कि गोटेगांव-जबलपुर स्टेट हाइवे क्रमांक 22 पर नर्मदा की बाढ़ से डूबे झांसीघाट के पुल से पानी उतर गया है। इसकी जानकारी होते ही लोग व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे तो पाया कि पुल पर काफी गड्ढे हो गए है और रेलिंग को भी नुकसान हो गया है। ऐसे में प्रशासन ने फिलहाल इस पुल पर आवागमन प्रतिबंधित कर दिया। पुल के दोनों तरफ बैरिकेडिंग कर दी गई ताकि कोई वाहन पुल से न गुजर सके। पुलिस प्रशासन का कहना है कि स्टेट हाइवे के अधिकारी जब तक पुल की जांच कर उसे यातायात के काबिल नहीं करार देते तब तक यहां आवागमन बाधित रहेगा।
वैसे लोगों का कहना है कि झांसीघाट पुल की रेलिंग पहले से ही क्षतिग्रस्त थी, अब बाढ़ के प्रभाव में और खराब हो गई। नागरिकों का कहना है कि स्टेट हाइवे के अधिकारियों को पुल की मरम्मत कराने के साथ ही पुल के दोनों तरफ की खराब हो चुकी सड़क भी तत्काल बनानी चाहिए। फिलहाल तो झांसीघाट में मुख्य द्वार के आसपास ही दोनों तरफ जानलेवा गड्ढे हो गए है। इन गड्ढों के चलते कभी भी कोई वाहन अनियंत्रित होकर पुल से नीचे गिर सकता है।
बाढ का खौफनाक मंजर
इस बीच रविवार को मौसम जैसे ही खुला, नर्मदा के तटीय गांवों के किसान अपने खेतो में पहुंचे और फसलों को बाढ़ के प्रभाव से हुए नुकसान का जायजा लिया। कई किसानों के खेतों में पानी भरने से फसलों पर मिट्टी की परत जम गई है और फसल में गलाव शुरु हो गया है। किसान फसलों को देखकर परेशान है। उनका कहना है कि अगर बारिश का सिलसिला इसी तरह जारी रहा तो बची-खुची फसल भी बर्बाद हो जाएगी।
उधर नर्मदा की बाढ़ देखने के लिए गुड़वारा के कछवा टोला घाट गया एक ग्रामीण अचानक मिट्टी के टीले से नर्मदा में बह गया। उसका रविवार देर रात तक कोई पता नही चल सका। इस बाबत ठेमी पुलिस ने बताया कि ग्राम गुड़वारा निवासी कन्हैयाल पिता बालकदास मलाह 42 अपने साथी कंचन के साथ नर्मदा की बाढ़ देखने कछवा टोला गया था। दोनों नर्मदा के जिस किनारे टीले पर खड़े थे उधर की मिट्टी अचानक खिसक गई और वह नर्मदा के तेज बहाव में लापता हो गया। ग्रामीण की तलाशी के लिए रविवार को तैराक दल ने काफी प्रयास किया लेकिन उसका देर रात तक कुछ पता नही चल सका।

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