scriptयहां हजारों-हजार साल देव व ऋषियों ने की है तपस्या | Here God and Rishis have done penance | Patrika News

यहां हजारों-हजार साल देव व ऋषियों ने की है तपस्या

locationनरसिंहपुरPublished: Jan 16, 2018 12:06:29 am

उपासना की तपोभूमि है बरमान का नर्मदा तट, इस क्षेत्र को प्राप्त है मां नर्मदा का आशीष

Here God and Rishis have done penance

Here God and Rishis have done penance

नरसिंहपुर/करेली। नर्मदा तट रुद्र भूमि है, नर्मदा के तटों पर सिद्धियों की प्राप्ति होती है। नर्मदा का जल अमृत है। बरमान का नर्मदा घाट उपासना की भूमि है, यहां हजारों.हजार बरस देव व ऋषियों ने तपस्या की है। यह क्षेत्र सौभाग्यशाली है जिसे मां नर्मदा का आशीष प्राप्त है। मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर तपोभूमि रेत घाट बरमान खुर्द स्थित पंदुर्गा प्रसाद चौबे स्मृति धर्मशाला व सत्संग भवन में आयोजित श्री महारुद्र यज्ञ एवं श्री शिव पुराण के आयोजन में आयोजित सत्संग में आशीर्वचन देते हुए षणमुखानंद महाराज हीरापुर वाले ने उक्ताशय के उद्गार व्यक्त किए।

भोलेनाथ से बड़ा को परोपकारी नहीं
उन्होंने देवाधिदेव भगवान शिव का गुणानुवाद करते हुए कहा कि भगवान भोलेनाथ से बड़ा परोपकारी न कोई हुआ है और न होगा। उन्होंने अमृत बांट दिया और खुद ने विषपान किया। वह सिर्फ जल और बेलपत्री में प्रसन्न हो जाते हैं। शिवजी पर एक बेलपत्र चढ़ाने से 3 जन्मों के पापों का हरण होता है। बेलपत्र चढ़ाने से लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं। कहा कि शिवजी पर रोज बेल पत्री चढ़ाएं, नहीं तो सप्ताह में एक बार, नहीं तो प्रदोष के दिन बेल पत्री अवश्य अर्पित करें। ओम नम: शिवाय के जाप से भी महादेव जल्दी प्रसन्न होते हैं। पूज्य स्वामी जी ने महामृत्युंजय मंत्र के जाप की महिमा बताते हुए कहा कि इस मंत्र से बड़ी-बड़ी व्याधियां दूर होती है और इसे अब विज्ञान ने भी मान लिया है। कहा मंत्र की शक्ति नाद ब्रह्म है जिससे कुंडलियों का जागरण होता है और कुंडलियों के जागरण से जन्म-मरण के बंधनों से मुक्ति मिलती है।

प्रदोष की महिला व एकादशी व्रत का बताया महत्व
उन्होंने कहा कि मानव का स्थूल शरीर है, जिसके अंदर एक सूक्ष्म शरीर है और उसी के भीतर कारण शरीर है जो गुरु कृपा से ही प्राप्त होता है। सत्संग में महाराज ने प्रदोष की महिमा के साथ साथ एकादशी व्रत के महत्व के बारे में भी बताया। आयोजन में श्री शिव पुराण प्रवक्ता रामनाथ जी शास्त्री काचरकोना वालों द्वारा पुराण का वाचन किया जा रहा है। धार्मिक अनुष्ठान में प्रतिदिन प्रात: से यज्ञ अनुष्ठान के साथ साथ श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जा रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु व माताएं बहने यज्ञ परिक्रमा कर धर्म लाभ ले रहे हैं। श्री महारुद्र यज्ञ एवं श्री शिव पुराण का अनुष्ठान 17 जनवरी तक चलेगा। आयोजक भक्त मंडल ने सभी श्रद्धालुओं से उपस्थिति की अपील की है।

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