टेकापार से गाडरवारा तक हर रोज प्राइवेट जाब करने आता हूं। पूरी सडक़ पर गड्ढे अधिक होने से आने-जाने में देर लगती है। साथ ही गिरने से दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
देवकी नंदन शर्मा, ग्रामवासी
ये कहते हैं सडक़ से गुजरने वाले राहगीर
मैं बच्चों को पांच किमी स्कूल छोडऩे जाता हूं। सडक़ में जगह-जगह बने बड़े गड्ढों से आने जाने में बहुत परेशानी होती है।
केदार रजक, नागरिक
हम सात किमी दूर गाडरवारा स्कूल जाते हैं, साइकिल से स्कूल जाने में गड्ढों से गिरने का भय बना रहता है।
राजकुमारी जाटव, छात्रा
स्कूल पढऩे हर दिन इसी सडक़ से जाती हूं। इस पूरी सडक़ में गड्ढे ज्यादा दिखाई देते हैं। सपाट सडक़ तो अब कम ही देखने में नजर आती हर दिन खतरा बना रहता है।
किरण जाटव, छात्रा