सुबह कुत्ता घर पहुंचा और वह काफी परेशान दिखा। परिजनों ने कुत्ते को पानी पिलाया और इसके बाद कुत्ता सीधे जंगल की ओर जाने लगा। परिजन भी उसके पीछे जाने लगे। गांव के बाहर जंगल के समीप बने तालाब के पास जहां पर राधेलाल की हत्या की गई थी वहीं पर जाकर श्वान शेरू ठहर गया। जैसी परिजनों ने राधेश्याम के रक्तरंजित शव को देखा तो वे स्तब्ध रह गए। ग्रामीणों ने तत्काल घटना की जानकारी बड़वारा पुलिस को दी।
सूचना पर बड़वारा थाना प्रभारी अंकित मिश्रा बल के साथ मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। वहीं एडिशनल एसपी संदीप मिश्रा,एफएसएल प्रभारी डॉक्टर अवनीश कुमार, फ्रिंगर प्रिंट एक्सपर्ट व डॉग स्क्वायड मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर जांच की जा रही है।
हत्या की वजह अज्ञात
इस मामले में मृतक राधेलाल के भाई राकेश यादव का कहना है कि वह पिछले 10 वर्षों से बकरी चरा रहा था। गांव में उसका इस तरह से किसी के साथ विवाद नहीं है कि हत्या कर दी जाए, लेकिन उसके भाई की कुल्हाड़ी मारकर अज्ञात आरोपी द्वारा हत्या की गई है। इस पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराते हुए मामले की विवेचना शुरू कर दी है।