प्रदेश सरकार ने बढ़ते कोरोना मरीजों को देखते हुए जिला अस्पताल को तीन एडवांस आइसीयू वेंटिलेटर उपलब्ध कराए थे। स्वास्थ्य महकमा पसोपेश में था कि इन्हें कहां इंस्टाल किया जाए, क्योंकि आइसीयू रूम ही नहीं था। वहीं वेंटिलेटर को चलाने वाले विशेषज्ञ चिकित्सक समेत प्रशिक्षित स्टाफ की भी यहां नहीं थे। ऐसे में कलेक्टर वेद प्रकाश ने इस मामले को प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान के संज्ञान में लाकर बाहरी चिकित्सकों की नियुक्ति की अनुमति प्राप्त की।
राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी, सांसद राव उदयप्रताप सिंह और नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल की भी इस मुहिम में महत्वपूर्ण भूमिका रही। सभी ने अपने-अपने स्तर पर आइसीयू रूम बनाने से लेकर चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए प्रयास शुरू किए। तब जा कर शासन से तीन वेंटिलेटर मिल गए हैं। अब उम्मीद है कि जल्द ही आईसीयू रूम भी तैयार हो जाएगा जिसके बाद कोरोना के गंभीर मरीजों का जिला स्तर पर ही इलाज संभव हो पाएगा। हर केस को जबलपुर रेफर करने की जरूरत नहीं होगी। वैसे बताया जा रहा है कि आइसीयू रूम अगले तीन दिन में तैयार हो जाएगा।
जिला अस्पताल में गहन चिकित्सा इकाई यानी आइसीयू का निर्माण करने के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के निर्देशन में इंदौर, हरियाणा के गुरुग्राम (गुड़गांव), छत्तीसगढ़ व राजस्थान से चार टीमें जिला मुख्यालय आ चुकी हैं। प्रत्येक राज्य की विशेषज्ञ टीम में छह लोग शामिल हैं। गुरुग्राम की टीम के जिम्मे जहां निर्माणाधीन आइसीयू में बैक्टीरिया, वायरस के फिल्ट्रेशन का काम है, तो वहीं इंदौर की टीम फ्लोरिंग का काम कर रही है। राजस्थान व छत्तीसगढ़ के विशेषज्ञों का दल आइसीयू में तापमान को नियंत्रित करने वाली प्रणाली डक्टिंग की स्थापना कर रहा है। वेंटिलेशन के दौरान मरीजों को दी जाने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति संबंधी प्रणाली एएचयू-हेपअप फिल्टर का काम भी शुरू किया गया है।
विशेषज्ञों की टीम अगले तीन दिन में आइसीयू रूम तैयार कर देगी। वेंटिलेटर के संचालन के लिए एक हफ्ते के अंदर चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति कर दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में प्रयासरत है।-वेदप्रकाश, कलेक्टर नरसिंहपुर