अफसर का विचित्र फरमान क्रमोन्नति चाहिए तो रिटायर हो चुके तीन डीईओ के हस्ताक्षर कराओ
पत्रिका पंच- जिला प्रशासन के एकाउंट ऑफीसर के तगुलकी फरमान ने यहां के सैकड़ों शिक्षकों की क्रमोन्नति रोक दी है। विचित्र फरमान यह है कि शिक्षकों से उनकी सीआर में यहां से ट्रांसफर हो चुके और सेवा निवृत्त हो चुके तीन जिला शिक्षा अधिकारियों के हस्ताक्षर मांगे जा रहे हैं।

नरसिंहपुर. जिला प्रशासन के एकाउंट ऑफीसर के तगुलकी फरमान ने यहां के सैकड़ों शिक्षकों की क्रमोन्नति रोक दी है। विचित्र फरमान यह है कि शिक्षकों से उनकी सीआर में यहां से ट्रांसफर हो चुके और सेवा निवृत्त हो चुके तीन जिला शिक्षा अधिकारियों के हस्ताक्षर मांगे जा रहे हैं। शिक्षकों से उनकी सीआर पर पूर्ववर्ती डीईओ एसपी लाल, एके चौरगढ़े, जेके मेहर के हस्ताक्षर की मांग की जा रही है। जबकि लाल एवं चौररगढ़े अन्य जिलों में पदस्थ हैं और मेहर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। नियमानुसार अब सीआर पर वर्तमान डीईओ के दस्तखत ही मान्य हैं। वैसे भी तीन तीन बार डीपीसी बैठ चुकी है और सीआर देखना डीपीसी का कार्य है न कि एकाउंट ऑफीसर का ।
यह है शासन का निर्देश
मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन के पत्र क्रमांक/एफ 1-1/1/ वे आ प्र/ 99 दिनांक 31 मई 2003 के अनुसार यदि शासकीय सेवकों को क्रमोन्नत योजना का लाभ इस कारण नहीं मिल रहा है कि उनके पिछले 5 वर्ष के गोपनीय प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं है तो शासन के 12 फरवरी 2002 के निर्देशानुसार शासकीय सेवकों के विचाराधीन 5 वर्ष के गोपनीय प्रतिवेदनों में से कुछ वर्षों के गोपनीय प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं होने के आधार पर उनके क्रमोन्नति प्रकरण लंबित नहीं रखे जाएं। जितने वर्षों के गोपनीय प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं है उतने गोपनीय प्रतिवेदन विचाराधीन अवधि के पूर्व बरसों अथवा बाद के वर्षों को देखकर क्रमोन्नति लगाई जाए।
नहीं हो रहा शासन के आदेश का पालन
अगर संकुल प्राचार्यों ने सीआर नहीं भेजी तो सामान्य प्रशासन विभाग का 31 मई 2003 का आदेश है कि प्रत्येक जिला स्तरीय नियुक्त प्राधिकारी संबंधित जिला कलेक्टर एवं विभागाध्यक्ष को प्रत्येक वर्ष की 31 जुलाई तक इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेगा कि उसने उस वर्ष के तीस जून तक लंबित सभी क्रमोन्नति मामलों का निपटारा कर दिया है। यही नियम प्राचार्य के लिए भी है कि मार्च की स्थिति में अधीनस्थों की सीआर अप्रैल तक वरिष्ठ कार्यालय में जमा करने के बाद ही उनका वेतन आहरित होगा। प्रश्न यह है कि यदि उन्होंने सीआर जमा नहीं की तो कैसे उनका वेतन इतने बरसों से आहरित हो रहा है।
यह है स्थिति
जिले में 2 साल के विलंब के बाद सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नति मिल गई लेकिन उच्च श्रेणी शिक्षक एवं उच्च श्रेणी से प्रधान पाठक माध्यमिक शाला तथा व्याख्याता पद पर पदोन्नत शिक्षकों को आज तक क्रमोन्नति का लाभ नहीं मिला है। वर्तमान डीईओ अरुण कुमार इंगले ने क्रमोन्नति प्रस्ताव कलेक्टर को अनुमोदनार्थ भेजे थे। कलेक्टर ने फाईलें जिला पंचायत भेज दींं परंतु वहां के लेखा अधिकारी ने समस्त कर्मचारियों की 5 वर्ष पूर्व की गोपनीय चरित्रावली की मांग करते हुए फाइल लौटा दींं। जबकि 17 जनवरी 2017, 20 जनवरी 2017, 15 दिसंबर 2017, 3 जनवरी 2018 को बार बार पत्र भेजकर तत्कालीन डीईओ जेके मेहर ने संकुल प्राचार्यों से सीआर एवं सेवा पुस्तिकाएं कार्यालय में मंगवाई थींं। मेहर के स्थानांतरण के बाद वर्तमान डीईओ अरुण कुमार इंगले ने 27 जनवरी 2020 एवं 17 अगस्त 2020 को संकुल, डाईट, बीईओ, बीआरसी कार्यालय आदि को पत्र लिखकर प्रधान पाठकों, शिक्षक संवर्गों की सीआर की पुन: मांग की। संकुल प्राचार्यो का कहना है की सीआर कभी की भेज चुके हैं। यह ऑफिस के गैर जिम्मेदारों के द्वारा गुमा दी गई हैंं।
वर्जन
जिला शिक्षा अधिकारी क्रमोन्नति के संबंध में मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन के पत्र क्रमांक/एफ 1-1/1/ वे आ प्र/ 99 दिनांक 31 मई 2003 और शासन के 12 फरवरी 2002 के निर्देशों के साथ प्रकरण उपलब्ध कराएं यदि इन निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में शासन के नियमों के तहत क्रमोन्नति लगाई जा सकती है तो तत्काल ही लगा दी जाएगी।
कमलेश भार्गव, सीईओ जिला पंचायत
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