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पत्रिका स्टिंग – न पुलिस का डर न प्रशासन की नजर शाम होते ही यहां खुलेआम छलकने लगते हैं जाम

locationनरसिंहपुरPublished: Jan 24, 2019 08:07:02 pm

Submitted by:

ajay khare

इतवारा बाजार शाम ४ बजे के बाद बन जाता है मयखाना, सब्जी के चबूतरे बन जाते हैं अहाता

इतवारा बाजार शाम ४ बजे के बाद बन जाता है मयखाना, सब्जी के चबूतरे बन जाते हैं अहाता

wine

अजय खरे। ये वक्त है बदलाव का यह नारा इन दिनों काफी चर्चित है पर यहां इतवारा बाजार में कुछ भी नहीं बदला। यहां का नजारा पहले की तरह है यानी वही सब्जी बाजार के खाली चबूतरे और उन पर गिलास और बोतल रख कर बैठे लोग। शाम ४ बजते ही यहां खुलेआम मयखाना सज जाता है और लोगों को जाम से जाम टकराते देखा जा सकता है। विधानसभा अध्यक्ष के निवास से महज १०० मीटर और सुभाष पार्क चौराहा स्थित पुलिस चौकी से महज २०० मीटर की दूरी पर बिना किसी भय के लोग इम्तिनान से मदिरा का सेवन करते हैं पर न तो पुलिस रोकती है और न ही नगर पालिका, तहसीलदार और एसडीएम कोई कार्रवाई करते हैं।
जिला मुख्यालय पर शहर के बीचों बीच स्थित इतवारा बाजार शाम के समय शराबियों का अड्डा बन जाता है। यहां खाली पड़े बाजार के चबूतरों पर हर कहीं लोग गिलास और बोतल खोल कर बैठे नजर आते हैं। पुलिस प्रशासन के भय के बिना लोग बड़े इत्मिनान से देशी और अंग्रेजी का सेवन करते हैं। रात ९ बजे और उसके बाद तक यह क्रम चलता रहता है। इस दौरान शराब के नशे में उनके विवध प्रकार के हाव भाव, बड़ी बड़ी डींगें हांकने और आपस में लडऩे झगडऩे के दूश्य भी लोगों का मनोरंजन करते हैं। आए दिन गाली गलौच और लडख़ड़ा कर गिरने के नजारे भी यहां आम हैं। इनके क्रियाकलापों की वजह से शाम ४ बजे के बाद यह क्षेत्र अशांत हो जाता है और महिलाएं, बच्चे और भद्र लोग यहां से निकल नहीं पाते।
ठेलों पर उपलब्ध डिस्पोजल गिलास व चखना
इस अघोषित मयखाना की वजह से यहां चखना बेचने वाले भी शाम को अपने ठेले लगा लेते हैं जहां अंडा,नमकीन, मूंगफली से लेकर शराब के साथ चखना के रूप में उपयोग की जाने वालीं सारी चीजें उपलब्ध रहती हैं। डिस्पोजल गिलास भी बेचे जाते हैं। समूचा क्षेत्र एक ओपन बार या मयखाना की तरह नजर आता है।
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