लंबे समय से चल रहा था रेत का खेल
जानकारी के अनुसार रेवानगर से बड़े पैमाने पर रेत का खेल काफी समय से चल रहा था। शासन की पुरानी व्यवस्था के तहत यह रेत खदान खैरी महलवार पंचायत के पास थी। जिसे एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक ने अवैध रूप से ठेके पर ले लिया था और मनमाने दामों पर रेत बेची जा रही थी। शासन द्वारा निर्धारित 250 रुपए प्रति ट्राली रायल्टी की बजाय 1200 रुपए और डंपर के लिए निर्धारित 1500 की बजाय 7000 रुपए प्रति डंपर की दर से रेत बेची जाती रही। बारिश के सीजन में रेत के खनन पर रोक के बावजूद इस खदान से रेत का अवैध खनन और परिवहन जारी था।
जानकारी के अनुसार रेवानगर से बड़े पैमाने पर रेत का खेल काफी समय से चल रहा था। शासन की पुरानी व्यवस्था के तहत यह रेत खदान खैरी महलवार पंचायत के पास थी। जिसे एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक ने अवैध रूप से ठेके पर ले लिया था और मनमाने दामों पर रेत बेची जा रही थी। शासन द्वारा निर्धारित 250 रुपए प्रति ट्राली रायल्टी की बजाय 1200 रुपए और डंपर के लिए निर्धारित 1500 की बजाय 7000 रुपए प्रति डंपर की दर से रेत बेची जाती रही। बारिश के सीजन में रेत के खनन पर रोक के बावजूद इस खदान से रेत का अवैध खनन और परिवहन जारी था।
इनका कहना है
रेवानगर से रेत के अवैध खनन व करेली में रेत के अवैध स्टाक के मामले में आरोपी संजय दुबे पाया गया है। जेसीबी और 10 डंपर रेत जब्त की है। दुबे ने स्वीकार किया है कि जेसीबी व रेत उसी की है।
सुमित गुप्ता, खनिज निरीक्षक