१६ डंपर सागर के एक दमोह का
गाडरवारा क्षेत्र में दूधी नदी से रेत के अवैध परिवहन के आरोप में जब्त किए गए १७ में से १६ डंपर सागर में और एक दमोह में पंजीकृत है। एमपी १५ एचए ०९६४ रवींद्र दांगी सागर, एमपी १५ एचए ०८२३ उमाशंकर तिवारी सागर,एमपी १५ एचए ०९३८ शंकरलाल यादव सागर , एमपी १५ जी ४२५२ अंजना जैन सागर, एमपी ४९ एच ८१५५ शंकरलाल यादव सागर, एमपी १५ जी ४०२७अतुल पांडेय सागर,एमपी ३४ जी ०७१५ नीरज अवस्थी दमोह,एमपी १५ एचए ०८१७ अवस्थी कंस्ट्रक्शन सागर ,एमपी १५ जी३५६२ नरेंद्र कुमार सागर, एमपी १५ जी ४०६० मुन्नालाल नेमा सागर, एमपी १५ जी ३४९६धर्मेंद्र उपाध्याय सागर, एमपी १५ जी ३८५७ धर्मेंद्र उपाध्याय सागर, एमपी १५ एचए ०९२० अवस्थी कंस्ट्रक्शन सागर , एमपी १५ एचए १००९ साहिल जैन सागर, एमपी १५ एचए २०२५ साहिल जैन सागर, एमपी १५ एचए ०९०५ महेंद्र कुमार रवि सागर, एमपी १५ एचए ०८३० महेंद्र कुमार राय खंगार सागर के नाम पंजीकृत हैं।
गाडरवारा क्षेत्र में दूधी नदी से रेत के अवैध परिवहन के आरोप में जब्त किए गए १७ में से १६ डंपर सागर में और एक दमोह में पंजीकृत है। एमपी १५ एचए ०९६४ रवींद्र दांगी सागर, एमपी १५ एचए ०८२३ उमाशंकर तिवारी सागर,एमपी १५ एचए ०९३८ शंकरलाल यादव सागर , एमपी १५ जी ४२५२ अंजना जैन सागर, एमपी ४९ एच ८१५५ शंकरलाल यादव सागर, एमपी १५ जी ४०२७अतुल पांडेय सागर,एमपी ३४ जी ०७१५ नीरज अवस्थी दमोह,एमपी १५ एचए ०८१७ अवस्थी कंस्ट्रक्शन सागर ,एमपी १५ जी३५६२ नरेंद्र कुमार सागर, एमपी १५ जी ४०६० मुन्नालाल नेमा सागर, एमपी १५ जी ३४९६धर्मेंद्र उपाध्याय सागर, एमपी १५ जी ३८५७ धर्मेंद्र उपाध्याय सागर, एमपी १५ एचए ०९२० अवस्थी कंस्ट्रक्शन सागर , एमपी १५ एचए १००९ साहिल जैन सागर, एमपी १५ एचए २०२५ साहिल जैन सागर, एमपी १५ एचए ०९०५ महेंद्र कुमार रवि सागर, एमपी १५ एचए ०८३० महेंद्र कुमार राय खंगार सागर के नाम पंजीकृत हैं।
15 साल में 4500 करोड़ का अवैध कारोबार
भाजपा शासन में इस जिले में नर्मदा और अन्य नदियों से रेत की खुली लूट का कारोबार १५ सालों तक चला। एक अनुमान के मुताबिक गोटेगांव, गाडरवारा, बरमान क्षेत्र से इन वर्षों में रेत माफिया ने करीब ४५०० करोड़ की रेत राजनीतिक रसूख की आड़ में चोरी से बेच डाली। रेत की चोरी में कुछ जन प्रतिनिधियों की प्रमुख भूमिका रही है। सरकार बदलने के बाद हुई कार्रवाई के बाद ये जन प्रतिनिधि बैकफुट पर आ गए हैं। कुछ जन प्रतिनिधि पिछले एक सप्ताह तक सक्रिय थे पर सीएम हाउस से आए निर्देश के बाद प्रशासन ने जैसे ही सख्ती दिखाई वे शांत पड़ गए हैं।
भाजपा शासन में इस जिले में नर्मदा और अन्य नदियों से रेत की खुली लूट का कारोबार १५ सालों तक चला। एक अनुमान के मुताबिक गोटेगांव, गाडरवारा, बरमान क्षेत्र से इन वर्षों में रेत माफिया ने करीब ४५०० करोड़ की रेत राजनीतिक रसूख की आड़ में चोरी से बेच डाली। रेत की चोरी में कुछ जन प्रतिनिधियों की प्रमुख भूमिका रही है। सरकार बदलने के बाद हुई कार्रवाई के बाद ये जन प्रतिनिधि बैकफुट पर आ गए हैं। कुछ जन प्रतिनिधि पिछले एक सप्ताह तक सक्रिय थे पर सीएम हाउस से आए निर्देश के बाद प्रशासन ने जैसे ही सख्ती दिखाई वे शांत पड़ गए हैं।