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पिछले पांच साल में इस बार सबसे कम हुई गुड़ की आवक

locationनरसिंहपुरPublished: Mar 16, 2019 12:35:36 pm

Submitted by:

ajay khare

मंडी में अनाज की आवक भी कम

In the last five years this is the lowest incidence of jaggery

In the last five years this is the lowest incidence of jaggery

(अरुण श्रीवास्तव) गाडरवारा। स्थानीय जवाहर कृषि उपज मंडी जिले की प्रमुख मंडी में शुमार है। वैसे भी गाडरवारा तहसील जिले की सबसे बड़ी व्यावसायिक एवं कृषि प्रधान तहसील है। जो गेहूं, राहर, दलहन, गन्ने एवं धान के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन पत्रिका ने मंडी में बीते पांच साल के गुड़ एवं अनाज की आवक के आंकड़ों की पड़ताल की तो चौकाने वाला तथ्य उजागर हुआ। जहां बीते पांच साल में इस बार सबसे कम गुड़ की आवक हुई। वहीं अनाज की आवक में भी खास वृद्धि परिलक्षित नहीं हुई। मंडी के इन आंकड़ों से जहां सरकारों द्वारा खेती को लाभ का धंधा बनाने की हकीकत उजागर होती दिखी। वहीं किसानों का मंडी से मोहभंग होने, कम उत्पादन, आवक का पता भी इन आंकड़ों से चलता है।
यह रही पांच सालों में गुड़ की आवक
गाडरवारा मंडी में पिछले पांच सालों में सबसे अधिक गुड़ वर्ष 2015-16 में आया था। उस दौरान मंडी में तीन लाख 20 हजार 165 क्विंटल की आवक रही। इसके पूर्व वर्ष 2014-15 में दो लाख 51 हजार 995 क्विंटल गुड़ आया था। वर्ष 2016-17 में एक लाख 95 हजार 834 क्विंटल, वर्ष 2017-18 में एक लाख 50 हजार 299 क्विंटल तथा सबसे कम गुड़ की आवक इस वर्ष 2018-19 में (फरवरी माह तक) महज 99 हजार 813 क्विंटल बताई गई है। इस प्रकार 2015-16 की तुलना में गुड़ की आवक में लगभग तीन गुनी कमी हुई है। जो कहीं कहीं मंडी में गुड़ के कम दाम मिलने, किसानों को गन्ना घाटे का सौदा साबित होने का परिचायक है। दूसरी ओर कम आवक से मंडी को जो राजस्व की क्षति उठानी पड़ी, वह अलग है।
अनाज की आवक में भी नहीं खास बढ़त
ऐसे ही अनाज की आवक में भी बीते साल की तुलना में खास बढ़त नहीं हुई। मंडी से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2014-15 में मंडी में 14लाख 27 हजार 521 अनाज की आवक हुई। वर्ष 2015-16 में बढ़ कर 15 लाख 99 हजार 982 क्विंटल हो गई। वर्ष 2016-17 में भी अनाज की आवक में बढ़त दर्ज की गई एवं 19 लाख 04 हजार, 218 क्विंटल अनाज आया। फिर वर्ष 2017-18 में आंकड़ा नीचे गिर कर 14 लाख 19 हजार 737 क्विंटल हुआ। वहीं इस वर्ष 2018-19 में अनाज की आवक में मामूली वृद्धि होकर आवक 14लाख 95 हजार, 061 क्विंटल फरवरी तक बताई गई है। बता दें कि मंडी में प्रत्येक अनाज एवं उत्पादों पर पहले कीमत का दो प्रतिशत मंडी शुल्क लगता था, जो अब डेढ़ प्रतिशत लगता है। साथ ही 20 पैसे प्रति सैकड़ा निराश्रित शुल्क भी देय होता है।

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