महाकोशल शुगर मिल और कार्यालयों पर आयकर विभाग की टीम का छापा
आयकर विभाग की टीम ने सोमवार सुबह बचई स्थित महाकोशल शुगर मिल और उसके कार्यालयों पर छापा मारा।
नरसिंहपुर
Updated: March 21, 2022 10:50:43 pm
नरसिंहपुर. आयकर विभाग की टीम ने सोमवार सुबह बचई स्थित महाकोशल शुगर मिल और उसके कार्यालयों पर छापा मारा। भोपाल और जबलपुर से आए अफसरों के नेतृत्व में आयकर विभाग की टीम ने कार्रवाई की। अफसरों ने बेहद गोपनीयता के साथ यह कार्रवाई की जिससे मिल प्रबंधन समेत जिले के आयकर अधिकारियों तक को इसकी भनक तक नहीं लगी। जानकारी के अनुसार नरसिंहपुर के अलावा महाकोशल शुगर मिल के भोपाल स्थित मुख्यालय एवं मिल के एमडी नवाब रजा से संबंधित विभिन्न प्रतिष्ठानों पर भी टीम ने दबिश दी है।
5 वाहनों से पहुंचे अफसर, चाय नाश्ता कर मिल खुलने का किया इंतजार
जानकारी के अनुसार सुबह करीब ६ बजे भोपाल व जबलपुर से पांच वाहनों में करीब 22 अधिकारी व सशस्त्रबल के जवान बचई गांव स्थित महाकोशल शुगर मिल पहुंचे। आयकर विभाग की टीम ने मिल के सामने स्थित चाय के टपरे में मिल खुलने का इंतजार किया। इस दौराान सभी यहां चाय नाश्ता करते रहे। सुबह 9 बजे जैसे ही मिल का मेन गेट और पीछे का गेट खुला, सशस्त्र बल के जवान और आयकर विभाग के अधिकारी मिल के अंदर दाखिल हो गए। दोनों गेट बंद कर दिए गए और सशस्त्र बल तैनात हो गया। इस दौरान मिल में काम करने पहुंचे श्रमिकों को सशस्त्र बल ने लौटा दिया। मिल के अंदर पहुंचे अधिकारियों ने अकाउंट विभाग, भुगतान, मिल के वाहनों, शकर उत्पादन आदि से संबंधित दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया। सुबह करीब ११ बजे आयकर विभाग की टीम ने स्टेशनगंज क्षेत्र में स्थित महाकोशल शुगर मिल के कंसल्टेंसी कार्यालय में दबिश दी और यहां के दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया। कार्रवाई के दौरान अधिकारियों ने अपना नाम तक बताने से इनकार किया व मीडियाकर्मियों को परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया। बाद में अधिकारियों ने परिसर के बाहर से फोटो खींचने की अनुमति दी। अधिकारियों ने अपने नाम नहीं बताए और कहा कि जांच पड़ताल जारी है। जांच पूरी होने के बाद कोई जानकारी दी जा सकेगी।
वर्जन
नरसिंहपुर के बचई में स्थित महाकोशल सुगर मिल के अलावा भोपाल स्थित मिल के एक मुख्यालय समेत अन्य ठिकानों पर आयकर विभाग की कार्रवाई चल रही है। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं बता सकता , कार्रवाई पूरी होने के बाद जानकारी दी जाएगी।
अशोक त्रिपाठी, डायरेक्टर, आयकर विभाग भोपाल
आयकर और जीएसटी के रेडार पर सुगर मिलें
एक माह पहले करेली सुगर मिल पर जीएसटी की टीम ने मारा था छापा
फाइल फोटो-८ करेली सुगर मिल पर जीएसटी टीम ने की थी कार्रवाई
जिले में संचालित कुछ सुगर मिलों में आर्थिक अनियमितताओं को लेकर यहां संचालित सभी सुगर मिलें आयकर विभाग और जीएसटी के रेडार पर आ गई हैं। इससे पहले १० फरवरी २०२२ को करेली से गाडरवारा रोड पर स्थित करेली सुगर मिल में सीजीएसटी विभाग की टीम ने दबिश दी थी। जीएसटी की १२ सदस्यीय टीम ने छापा मारा था। जीएसटी टीम ने मिल के वित्त विभाग के दस्तावेज जब्त किए थे। मिल द्वारा किसानों से खरीदे गए गन्ना किए गए भुगतान, शकर का उत्पादन और उसे बेचने से प्राप्त आय आदि के दस्तावेजों में अनियमितता को लेकर सीजीएसटी ने दबिश दी थी। सेंट्रल जीएएसटी एक्ट की धारा 42 एवं 43 के तहत कार्रवाई की गई थी। जिसमें गन्ना की क्रसिंग के बाद उससे निर्मित बायो प्रोडक्ट पर ड्यूटी अदा करने इनपुट के्रडिट आदि को लेकर जांच शुरू की गई थी। जीएसटी टीम ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में खरीदे गए कुल गन्ने, इसके भुगतान, शक्कर उत्पादन, विक्रय आदि के दस्तावेजों के साथ कुल कितना टैक्स अदा किया गया है आदि को लेकर जांच शुरू की थी। यह जांच फिलहाल चल रही है।
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मिलोंं की आर्थिक अनियमितताओं में प्रशासन की भी भूमिका
जिले में संचालित सुगर मिलों में व्यापक पैमाने पर आर्थिक अनियमितताओं के मामले मेंं प्रशासन की भी बड़ी भूमिका है। नियमानुसार गन्ना विभाग व प्रशासन को गन्ना सीजन पर मिलों द्वारा खरीदे गए गन्ना और उनके भुगतान की जानकारी मिलों से लेकर किसानों को उपलब्ध करानी चाहिए पर इस पूरे सीजन में गन्ना विभाग ने किसानों को इस बात की जानकारी नहीं दी कि कितना गन्ना खरीदा व मिलों ने कितना भुगतान किया। जबकि गन्ना आयुक्त की ओर से इस बात के स्पष्ट निर्देश हैं कि १४ दिन में किसानों को गन्ने का पूरा भुगतान किया जाए। इस अवधि में भुगतान न किए जाने पर ब्याज सहित भुगतान का प्रावधान है। जानकारी के अनुसार अभी जिले के हजारों किसानों का करीब २५ करोड़ से ज्यादा का भुगतान बकाया है पर प्रशासन उनका भुगतान दिलाने की बजाय मिल प्रबंधन से अपना दोस्ताना निभा रहा है। गन्ना सीजन खत्म होने के बाद अभी तक जिले की सभी सुगर मिलों द्वारा खरीदे गए गन्ना और उसके भुगतान की जानकारी सार्वजनिक न किए जाने से प्रशासन की नीयत पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग इस प्रकरण में गन्ना विभाग व प्रशासन से भी जानकारी ले सकता है।
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