शटल व फास्ट पैसेंजर में 14 डिब्बे होते थे। रेलवे ने 14-14 डिब्बों की दो गाडिय़ां बंद कर उनकी जगह एक गाड़ी चला दी। अंदाजा लगाया जा सकता है कि 28 डिब्बों के यात्री 7 डिब्बों में कैसे समाते होंगे। पर मरता क्या न करता की तर्ज पर लोग मजबूरी में इस गाड़ी से सफर करने के लिए बाध्य हो रहे हैं।
हालात ये हैं कि लोगों को गाड़ी के अंदर घुसने और गाड़ी से उतरने में हर स्टेशन पर मारामारी का सामना करना पड़ता है। नरसिंहपुर स्टेशन पर ट्रेन आती है तो पुलिस लगाई जाती है, ताकि लोग ट्रेन से उतर सके और यात्री ट्रेन में चढ़ सकें। यही स्थिति जबलपुर, मदन महल से लेकर इटारसी तक बन रही है। दूसरा सबसे बड़ा सवाल यह है कि मेमू गाड़ी इटारसी से कटनी तक के लिए नहीं चलाई जा सकती। यह गाड़ी अधिकतम 100 किमील तक के लिए ही चलाई जा सकती थी। पर रेलवे यात्रियों को मुसीबत में डाल कर इस गाड़ी का संचालन किया जा रहा है। पैसेंजर गाडिय़ों में नरसिंहपुर से लेकर जबलपुर पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को, छोटे व्यापारियों को, नरसिंहपुर से जबलपुर प्राइवेट नौकरी करने वालों को अप-डाउन करने में काफी सुविधा थी। काफी कम किराए में अपनी यात्रा पूरी करते थे। सीट भी आसानी से मिलती थी। पैसेंजर गाड़ी में यदि कोई इटारसी से सतना जाता था तो उसे लेटने के लिए भी सीट मिल जाती थी। नहीं तो ऊपर की बर्थ पर आराम से अपना सफर पूरा करता था। लेकिन मेमू गाड़ी में तो ठीक से बैठ नहीं पाते। दूसरा इस गाड़ी के डिब्बे में खिडक़ी में जालियां लगी हैं। यदि कोई इटारसी से कटनी तक सफर करता है तो भूखा प्यासा ही बना रहता है। क्योंकि खाने पीने के लिए खिडक़ी से खाद्य सामग्री व पानी की बोतल तक नहीं खरीद पाता।
रेलवे को हो रहा फायदा यात्रियों की हो रही जेब खाली-इतना ही नहीं रेलवे पैसेंजर गाड़ी की जगह मेमू गाड़ी में एक्सप्रेस का किराया वसूल कर रही है। इससे लोगों की जेब पर भार पड़ रहा है । पूर्व में यात्री जहां पैसेंजर गाड़ी से काफी कम किराए में जहां अपना सफर पूरा करते थे, वहीं अब लोगों को चार गुना ज्यादा किराया देना पड़ रहा है। कोरोना काल में लोगों की नौकरियां चली गईं और हजारों लोग कम वेतन पर काम कर रहे हैं। ऐसे में लोग आर्थिक तंगी के बावजूद पैसेंजर की जगह मेमू एक्सप्रेस ट्रेन से महंगा सफर करने को मजबूर हैं।
इनका कहना है
रेलवे प्रबंधन से इस बारे में कई बार बात की है। मेमू में एक्सप्रेस की जगह पैसेंजर का किराया वसूलने की भी बात रखी। डिब्बे बढ़ाने को भी कहा। कल फिर जीएम से बात करेंगे। उनसे मांग करेंगे कि मेमू को बंद कर फिर से पुरानी शटल चलाई जाएं।
कैलाश सोनी, राज्य सभा सांसद
यात्रियों की मांग पर जन प्रतिनिधियों ने मेमू के डिब्बे बढ़ाने की मांग बैठक में रखी है। पुरानी शटल गाडिय़ां शुरू करने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
पीके स्वामी, स्टेशन प्रबंधक