मंगलवार को कलेक्टर दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक डॉ.गुरकरन सिंह ने गाडरवारा के मेहरागांव,मुआरघाट, संसारखेड़ा रेत घाट की खदानों का औचक निरीक्षण किया । निरीक्षण के दौरान मुआरघाट से सौरभ राय के भंडारण स्थल से रेत खोदने वाली दो पॉकलेन मशीन जब्त कर थाना प्रभारी सांईखेड़ा को सुपुर्द की गर्इं। जांच में पाया गया कि भंडारण स्थल पर उक्त मशीन रखने की अनुमति नहीं थी। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर सक्सेना ने राजस्व विभाग एवं खनिज विभाग के अधिकारियों को रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी एवं खनिज विभाग के अधिकारी सभी रेत खदानों का सीमांकन करना सुनिश्चित करेंगे। पुलिस अधीक्षक डॉ. सिंह ने पुलिस अधिकारियों को संयुक्त रूप से राजस्व अधिकारियों के साथ रेत खदानों की मुस्तैदी से निगरानी रखने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान एसडीएम गाडरवारा राजेश शाह, जिला खनिज अधिकारी रमेश पटैल सहित पटवारी मौजूद थे। निरीक्षण में बैरागढ़, तूमड़ा, अजंदा रेत खदानों का भी एसडीएम एवं जिला खनिज अधिकारी ने निरीक्षण किया। गौरतलब है कि जिले में गाडरवारा और गोटेगांव क्षेत्र में रेत माफिया बड़े पैमाने पर रेत का अवैध खनन कर रहा है। गोटेगांव क्षेत्र में प्रशासन एक साल में कम से कम ६ बार बड़ी कार्रवाई कर चुका है। कई मशीनें जब्त की गई हैं। इसके बावजूद रेत माफिया नर्मदा नदी का प्राकृतिक स्वरूप बिगाडऩे और नर्मदा का आंचल छलनी करने पर तुला है।
पटवारी की भूमिका संदिग्ध, कलेक्टर ने किया निलंबित
इस क्षेत्र में रेत के अवैध खनन व परिवहन को लेकर पुलिस, राजस्व और खनिज विभाग पर रेत माफिया से मिलीभगत के आरोप लगते रहे हैं। आरोपों की हकीकत मंगलवार को देखने को मिली जब कलेक्टर के मौके पर पहुंचने के बावजूद एक पटवारी सीमांकन के लिए नहीं पहुंचा। मेहरागांव में पटवारी डेविड टिर्की द्वारा मंगलवार को खदान का सीमांकन किया जाना था, किंतु वह उक्त रिकॉर्ड लेकर बिना सूचना के मौके से गायब रहा। पटवारी को मौके पर लाल स्याही से बंटाकन उठाना था, जो उसके द्वारा नहीं किया गया। पूर्व में इसी वजह से रेत खदान पर विवाद की स्थिति निर्मित हुई थी। कार्य में लापरवाही बरते जाने पर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पटवारी डेविड टिर्की को निलंबित करने के निर्देश दिये।