स्कूल बस की टूटकर गिर चुकी है बैकलाइट
एक बस की हालत इतनी जर्जर है कि सिर्फ ढांचा नजर आ रहा है। यह बस स्कूल के बच्चों को लेकर दौड़ती है। बैक लाइट पूरी तरह से टूटी हुई है। वाहन मोड़ते समय बस चालक के पीछे चलने वाले लोग हादसे का शिकार हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि स्कूल बसों के संचालन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त गाइड लाइन बनाई है लेकिन जिले में इसका पालन नहीं हो रहा है।
आरक्षित सीटों की जानकारी न लाइटें ठीक
बस स्टैंड पर खड़ी बसों में बैक लाइट भी क्षतिग्रस्त होकर खराब है। रात के समय ऐसी बसें ही हादसे का सबब बनती है। इन बसों की विंडस्क्रीन पर जानकारी भी प्रदर्शित नहीं है। यहां मौजूद अधिकांश बसों के अंदर न तो आरक्षित सीटों की जानकारी दी गई है और न ही बसों में किराया सूची चस्पा है। ऐसी स्थिति में दिव्यांग व महिलाओं को बसों में समस्या का सामना करना पड़ता है।
इमरजेंसी विंडो गायब, लग गई सीटें
बस स्टैंड में अधिकांश बसों में इमरजेंसी विंडों के स्थान पर बस ऑपरेटरों ने सीटें लगा दी हैं। हादसा होने की स्थिति में यात्री चाहकर भी इस इमरजेंसी विंडो का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। विदित हो कि प्रदेश में बसों में बड़े हादसे होने के बाद इमरजेंसी विंडो पर सख्ती से कार्रवाई की गई थी लेकिन कार्रवाई न होने से बस ऑपरेटर मनमानी कर रहे हैं।
विंडो में यदि सीटें लगा ली गई हैं तो यह गलत हैं। बैक लाइट खराब नहीं होना चाहिए। बसों की जांच को लेकर अभियान चलाएंगे। बस ऑपरेटरों की बैठक लेकर नियमों का पालन करने कहा जाएगा। मनमानी करने पर सख्त कार्रवाई होगी।
जितेन्द्र शर्मा, जिला परिवहन अधिकारी