फसल नुकसानी से बचाने करना पड़ेगी कृत्रिम सिंचाई
नरसिंहपुर
Published: August 03, 2022 11:45:26 pm
गोटेगांव. किसानों ने खरीफ की फसल अपने खेतों में लगाई थी अभी तक फसल के हिसाब से बारिश होने से किसानों की खरीफ की फसल खेतों में लहरा रही थी मगर एक सप्ताह से अचानक बारिश का दौर थम गया रूक रूक होने वाली बारिश थम जाने एवं धूप निकलने से लहराती फसलों को पानी की जरूरत पडने लगी है किसानों ने बताया कि यदि एक दो दिन में बारिश नहीं होती है तो उनको अपनी खरीफ की फसल को बचाने के लिए कृत्रिम सिंचाई के साधन निकालने होंगे। किसानों ने बताया कि अभी तक जिस तरह की बारिश हो रही थी उससे मक्का, धान आदि खरीफ की फसल को लाभ अर्जित हो रहा था और वह खेतों में पनपते हुए लहरा रही थी।
किसानों ने बताया कि बारिश का मौसम तो बनता है मगर पानी बरस नहीं रहा है इसके कारण किसानों को खरीफ की फसल को बचाने में चिंता सताने लगी है। जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन नहीं है और वह बारिश के पानी पर आश्रित रहते हैं ऐसे किसानों के माथे पर चिंता की रेखाएं अधिक देखी जा रही है पहाड़ी इलाके में जो जल संरक्षण के साधन है उनमें भी पर्याप्त पानी भंडारित नहीं हुआ है। गौरतलब हो कि गोटेगांव इलाके में मक्का और धान सबसे अधिक किसानों ने अपने खेत में बोई है। दोनों फसल करीब 25 हजार हेक्टेयर में किसानों ने बोवनी की है। मौसम के मिजाज को देख कर कुछ किसानों ने विकल्प में सिंचाई के साधन निकाल कर रख लिए है उनका कहना है कि यदि एक दो दिन में बारिश नहीं होती है तो वह कृत्रिम सिंचाई करके फसल को सूखने से बचाने का प्रयास करेगें।
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