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बिना सुरक्षा उपकरणों के चलाया जा रहा किल कोरोना अभियान

locationनरसिंहपुरPublished: Jul 05, 2020 08:25:00 pm

Submitted by:

ajay khare

सर्वे दल के पास नहीं ट्रिपल लेयर मास्क, सर्जिकल ग्लब्स, कॉटन, सेनिटाइजर और छपे हुए प्रपत्र

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corona kill abhiyan survey

अजय खरे. नरसिंहपुर. नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिये एक जुलाई से शुरू किया गया किल कोराना अभियान सर्वे दल के लिए संक्रमण के खतरे का सबब बनता नजर आ रहा है। जिसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि ग्राउंड लेवल पर सर्वे टीम के पास न तो खुद की सुरक्षा के लिए ट्रिपल लेयर मास्क हैं न सर्जिकल ग्लब्स और न ही कॉटन सेनेटाइजर। इतना ही नहीं यह सर्वे इतनी तंगहाली और गरीबी में हो रहा है कि कुछ जगहों पर सर्वे रिपोर्ट भरने के लिए छपे हुए रिपोर्टिंग प्रपत्र और रजिस्टर व पेन पेंसिल तक नहीं दिए गए हैं। खासतौर पर गाडरवारा टाउन में यह स्थिति देखने को मिली है। प्रदेशव्यापी किल कोरोना अभियान के तहत जिले मेंं एक जुलाई से शुरू हुआ यह अभियान 15 जुलाई तक चलाया जाना है। लेकिन कई जगहों पर ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे दलों को जरूरी सामग्री न दिए जाने की वजह से रिपोर्ट तैयार करने में समस्या आ रही है। अपनी नौकरी बचाने के लिए एएनएम, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य पर्यवेक्षक एवं महिला पर्यवेक्षक, बीईई, एलएचवी, आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर घर जा रही हैं पर गाडरवारा में टीम के सदस्यों को अभी तक छपे हुए प्रपत्र नहीं दिए गए हैं। जिससे वे अपने खर्चे से बाजार से रजिस्टर और कोरे कागज खरीद कर स्केल पेंसिल से खाने बना कर रिपोर्ट भर रही हैं। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि इनकी सुरक्षा के लिए जरूरी ग्लब्स और मास्क व सेनेटाइजर नहीं दिए गए हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों मजदूर रेड जोन गुजरात और मुंबई व दिल्ली से आए हैं। इस स्थिति में सर्वे दल के सदस्य खुद अपनी ही सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं ।

ये स्पेशल फीवर स्क्रीनिंग अभियान है
शासन द्वारा जारी निर्देश के अनुसार किल कोरोना अभियान स्पेशल फीवर स्क्रीनिंग अभियान है। संभावित रोगियों की समय पर पहचान कर उन्हें तत्काल अस्पताल भेजकर उनका उपचार कराना है। जिससे आगे संक्रमण को फैलने से रोका जा सके तथा मृत्यु की घटनाओं में कमी लाई जा सके। इसके लिए हर सर्वे दल के पास पल्स ऑक्सीमीटर, नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर रहेगा ताकि वे व्यक्ति का तापमान और ऑक्सीजन का लेवल नाप कर यह सुनिश्चित कर सकें कि वह संदिग्ध कोरोना संक्रमित है या नहीं। अभियान के तहत प्रत्येक दल को प्रतिदिन 100 घरों तक जाने का लक्ष्य दिया गया है। इस अभियान में गर्भवती व टीकाकरण से छूटे बच्चों की खोज कर टीकाकरण करना भी शामिल है।

यह जानकारी जुटानी है
सर्वे दलों को घरों में पहुंच कर ये जानकारी एकत्रित करनी है कि पिछले 7 से 10 दिवस में किसी को बुखार तो नही आया। कोई यात्रा तो नहीं की और किसी कोविड पॉजिटिव से संपर्क तो नहीं हुआ। बुखार के साथ साथ सर्दी, खांसी, गले में खराश, दर्द या सांस लेने में तकलीफ तो नही। गंध या स्वाद नहीं आने, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कैंसर, स्ट्रोक, हृदय रोग, बुखार के साथ ठंड लगना, कंपकंपी आना, सिर दर्द, चक्कर, उल्टी, कमजोरी तथा पसीना आकर बुखार के उतर जाने, सिर में आंखों के पीछे दर्द होने की समस्या तो नहीं है। गर्भवती व 5 वर्ष से छोटे बच्चों के संबंध में भी जानकारी एकत्र की जानी है।
सर्वे दल को दिए जाएंगेे ये उपकरण-प्रत्येक दल के पास पल्स ऑक्सीमीटर, नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर, ट्रिपल लेयर मास्क, सर्जिकल ग्लब्स, कॉटन, सेनिटाइजर, रजिस्टर, पेन, पेंसिल एवं रिपोर्टिंग प्रपत्र रहेगा।
दल में ये शामिल-एएनएम, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य पर्यवेक्षक एवं महिला पर्यवेक्षक, बीईईए एलएचवी।
अभियान में अभी तक नहीं मिला जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों का सहयोग नहीं मिल रहा।
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इनका कहना है-
मेरी जानकारी के मुताबिक दलों के पास सभी जरूरी उपकरण हैं किसी भी दल के पास उपकरणों व आवश्यक सुरक्षा सामग्री की कमी नहीं है। यदि कहीं कोई कमी है तो उसे पूरा कर दिया जाएगा।
वेद प्रकाश कलेक्टर
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इनका कहना है-
आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पायलट सर्वेयर के रूप में घर घर जाकर जानकारी जुटाएंगे यदि कोई बुखार व अन्य बीमारी से पीडि़त पाया जाएगा तो उनकी सूचना पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मौके पर जाकर पल्स ऑक्सीमीटर, नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर, व मलेरिया आदि की व अन्य जांचें करेंगे और उसका उचित उपचार किया जाएगा।
डॉ.एनयू खान सीएमएचओ
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