पुलिस व एटीएस अधिकारी उनकी तस्दीक करने में जुट गए हैं। हालात यह है कि कई नामी सटोरिये और सट्टे का काम करने वाले लोग भूमिगत हो गए हैं। झंवर बंधुओं से पूछताछ के लिए रविवार को एटीएस के उप अधीक्षक दिनेश शर्मा और एक सब-इंसपेक्टर यहां पहुंचे। करीब ढाई घंटे तक उन्होंने पूछताछ की।
सीओ (सदर) राजेन्द्रसिंह मामले में गहन जांच-पड़ताल करने के लिए नागौर व नोखा भी गए। पुलिस टीमों ने शिव झंवर व रामलाल झंवर के नोखा स्थित मकानों पर फिर दबिश देकर सट्टा कारोबार से जुड़े कागजात और उपकरण जब्त किए, जिन्हें गंगाशहर पुलिस को भिजवाया है। इसके अलावा झंवर बंधुओं ने अपने सहयोगी जिन सटोरियों के नाम बताए हैं, पुलिस उनके वहां भी दबिश दे रही है।
जांच अधिकारी सीओ सदर ने बताया कि झंवर बंधुओं की सूचना पर जिले भर के स्टोरियों की सूची तैयार की जा रही है। यह सूची बढ़ती ही जा रही है। इस सूची में 45 के करीब नाम है। इतना ही नहीं बीकानेर शहर के अलावा अन्य दूसरे जिलों के सटोरिये भी इनके सहयोगी हैं।
पुलिस इस सट्टा कारोबार को पूरी तरह समाप्त करने के लिए दूसरे जिलों की पुलिस से भी संपर्क में है। गौरतलब है कि बुधवार की रात को बीकानेर पुलिस एवं नागौर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर छह सटोरियों को पकड़ा।
नागौर की कोतवाली पुलिस ने चार तथा बीकानेर की पुलिस ने शिव व रामलाल झंवर को पकड़ा था। शिव व आरएल झंवर प्रदेश के सबसे बड़े सटोरिये और देश के टॉप-10 सटोरियों में शामिल हैं।
शिव व रामलाल झंवर के पाकिस्तान व दुबई के सटोरिये राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। इनके पाकिस्तान व दुबई की पुलिस से संबंध पाए गए हैं। पुलिस ने पहली बार किन्हीं सटोरिये के खिलाफ राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का मामला दर्ज किया है।