राजमार्ग के समीपी ग्राम सूखा ढिगसरा स्थित प्राचीन तालाब की जमीन पर अतिक्रमण कर खेती हो रही है। अतिक्रमण कर बोई गई फसल की सिंचाई करने के लिए भी तालाब के पानी का उपयोग किया जा रहा है। इस तालाब पर अरसे से माफिया का कब्जा है। ग्रामीण इस बाबत कई बार शिकायतें कर चुके हैं। ग्रामीणों की शिकायत पर राजस्व विभाग ने कई बार तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराया लेकिन हाल फिर जस के तस। अब ग्रामीणों की प्रशासन से मांग हैं कि अतिक्रमण को स्थायी तौर से हटा कर तालाब का सीमांकन कराया जाए ताकि तालाब का उपयोग सार्वजनिक हित में हो सके।
इसी तरह जनपद पंचायत चांवरपाठा के तहत आने वाले ग्राम ढिगसरा में करीब 7 एकड़ का तालाब है, जिसका अरसे से दुरुपयोग हो रहा है। तालाब की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों ने मनमाने ढंग से खनन करते हुए खेती योग्य बना लिया है और तालाब की जमीन पर खेती की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि तालाब से अतिक्रमण हट जाए और यहां पानी सुरक्षित रहे तो गर्मी के दिनों में लोगों को राहत मिलेगी। लेकिन तालाब पर कब्जा होने के चलते तालाब में बरसात के समय जो पानी जमा होता है वह भी जल्दी व्यर्थ चला जाता है। जो पानी शेष रहता है उसका उपयोग अतिक्रमण करने वाले फसलों की सिंचाई में करते हैं।
ग्रामीण अरसे से तालाब के संरक्षण की मांग कर रहे हैं। ग्राम पंचायत स्तर से भी इस संबंध में प्रशासन को कार्रवाई के लिए लिखा जा रहा है। लेकिन अतिक्रमण करने वालों पर कोई ठोस कार्रवाई न होने से तालाब अतिक्रमणमुक्त नहीं हो पा रहा है।