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मध्यप्रदेश के इस शहर में मासूम बच्चों को कुपोषण, अस्पताल पहुंचे तो इस खतरनाक बीमारी के निकले शिकार, मां भी चपेट में…

locationनरसिंहपुरPublished: Nov 03, 2018 08:45:51 pm

Submitted by:

shivpratap singh

15 और 18 माह के दो बच्चों का कुपोषण से आधा हो गया था बच्चों को वजन, अस्पताल पहुंचे तो जांच में मासूमों को निकला टीबी

Malnutrition

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शिवप्रताप सिंह @ नरसिंहपुर. कुपोषण की बीमारी से जूझ रहे 15 और 18 माह के दो बच्चों को इलाज के लिए परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां पोषण पुनर्वास केंद्र में उन्हें भर्ती कर जब जांच कराई गई तो दोनों बच्चे टीबी जैसी गंभीर बीमारी से पीडि़त मिले। टीबी का नाम सुनते ही परिजनों के होश उड़ गए और वे विलाप करने लगे। डॉक्टरों ने समझाइश देकर उन्हें शांत करवाया। टीबी होने का पता लगाने के लिए एक बच्चे की मां की जांच कराई गई तो उसे भी इंफेक्शन होना पाया गया। दो दिनों तक इलाज के बाद गुरुवार को दोनों बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र से छुट्टी दे गई।

इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही भी सामने आई है। टीबी रोग से पीडि़त दो बच्चों और मां को पोषण पुनर्वास केंद्र में रखकर दो दिनों तक डॉक्टर इलाज करते रहे और यहां भर्ती अन्य २६ बच्चों को संक्रमण होने का उन्हें ख्याल तक नहीं रहा। अब सवाल टीबी पीडि़तों के चलते अन्य बच्चों व उनके परिजनों के स्वास्थ्य को लेकर भी उठ रहे हैं।

पहुंचे थे सर्दी-खांसी का इलाज करवाने
डॉक्टरों ने बताया कि दोनों बच्चे जिला मुख्यालय के समीप स्थित ग्रामीण अंचलों के हैं। १८ माह के बच्चे को उसकी मां ओपीडी में सर्दी-खांसी करवाने के लिए लाई थी। बच्चे का वजन मात्र 8 किलो 85 ग्राम था, जबकि 15 माह का दूसरा बच्चा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से पहुंचा था। उसका वजन 6 किलो 18 ग्राम था।

इनका कहना
कम वजन के दोनों बच्चे टेस्ट में टीबी से पीडि़त पाए गए थे। दो दिन तक केंद्र में भर्ती कर इलाज किया गया है। मां में भी टीबी इंफेक्शन होना पाया गया।
मनीषा नेमा, डायटीशियन, पोषण पुनर्वास केंद्र, जिला अस्पताल


मामले की जांच कराएंगे
टीबी से पीडि़त बच्चों व उनकी मां को पोषण पुनर्वास केंद्र में रखकर इलाज किए जाने की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा किया गया है तो इसकी जांच करवाएंगे।
डॉ. वीके मिश्रा, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल

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