नरसिंहपुर

मिल मालिकों को नहीं मिली मंत्रालय से राहत, हाईकोर्ट जाएंगे, शासन ने की कैविएट की तैयारी

294 रुपए 20 पैसे प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीदने को तैयार नहीं सुगर मिल मालिक

नरसिंहपुरJan 29, 2019 / 09:11 pm

ajay khare

sugar mill

नरसिंहपुर। सुगर मिल मालिकों ने 294 रुपए 20 पैसे प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीदने के शासन आदेश को मानने से इनकार कर दिया है। सुगर मिल लॉबी ने सीएम और कृषि मंत्री से मुलाकात कर अपने पक्ष में कोई राहत पाने के लिए जो प्रयास किए वे सफल नहीं हो सके। जिसके बाद अब सुगर मिल संचालकों ने हाईकोर्ट जाने का फैसला कर लिया है तो दूसरी ओर गन्ना किसानों के हितों की रक्षा के लिए शासन ने भी कैविएट दायर करने की तैयारी कर ली है।
कलेक्टर कोर्ट ने २२ जनवरी को सुगर रिकवरी के आधार पर २९४ रुपए २० पैसे प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीदने का आदेश दिया था जिसे सुगर मिल संचालकों ने मानने से इनकार कर दिया है। जिस पर कलेक्टर ने सभी सुगर मिल मालिकों को नोटिस जारी कर ३१ जनवरी तक जवाब देने को कहा है साथ ही दांडिक कार्रवाई की चेतावनी दी है। शासन की सख्ती को देखते हुए सुगर मिल लॉबी ने सीएम और कृषि मंत्री से मुलाकात करने का प्रयास किया पर मुलाकात नहीं हो सकी। बताया गया है कि सीएम के सचिव से हुई मुलाकात में सचिव ने सुगर मिल मालिकों को आश्वस्त किया है कि सीएम को वस्तुस्थिति से अवगत करा कर हल निकालने का प्रयास किया जाएगा। इधर सुगर मिल संचालकों का कहना है कि यदि समय पर हल नहीं निकला तो उनके पास मिल बंद करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। ऐसी स्थिति में कोर्ट का सहारा लेना पड़ेगा।
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इनका कहना है
पिछले महीनो में खरीदे गए गन्ना का २९४ रुपए २० पैसे प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करना संभव नहीं है क्योंकि उस समय सुगर रिकवरी कम थी। कलेक्टर को इस तरह का आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है। इस स्थिति में हम विधिवत सूचना देकर १ तारीख से मिल बंद कर देंगे। सीएम के सचिव से आश्वासन मिला है कि इस मुद्दे पर सीएम से बात कर कोई हल निकाला जाएगा। सुगर मिल संचालकों ने हाईकोर्ट जाने की भी तैयारी कर ली है ।
रजा नवाब, संचालक महाकोशल सुगर मिल बचई
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इनका कहना है
शासन ने खुद सुगर रिकवरी की जांच कराने के बाद औसत रिकवरी के आधार पर २९४ रुपए २० पैसे प्रति क्विंटल का रेट तय किया है। यह शासन का आदेश है। यदि सुगर मिल मालिक शासन के आदेश के खिलाफ कोर्ट जाते हैं तो किसानों के हितों की रक्षा के लिए कैविएट दायर की जाएगी।
दीपक सक्सेना, कलेक्टर
 
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