scriptबिना अनुमति खोदा जा रहा लाखों का खनिज | Millions of minerals being dug without permission | Patrika News

बिना अनुमति खोदा जा रहा लाखों का खनिज

locationनरसिंहपुरPublished: Feb 18, 2019 09:20:35 pm

Submitted by:

ajay khare

जिले में सिर्फ जगहों पर खनन की स्वीकृत, कई जगहों पर चल रहा अवैध खनन

 सबसे ज्यादा राजस्व की चोरी सीसी रोड और अन्य सडक़ निर्माण कार्यों में की जा रही है।

sand stock

नरसिंहपुर। जिले में मिट्टी मुरम, पत्थर मुरम और मुरम की सिर्फ ५ खदानें स्वीकृत हैं पर दो दर्जन से अधिक जगहों पर सडक़ निर्माण में उपयोग के लिए इस तरह के खनिज की मनमानी खुदाई की जा रही है। जिससे शासन को लाखों रुपयों के राजस्व की क्षति हो रही है वहीं अवैध खनन और परिवहन का सिलसिला थम नहीं रहा है। अवैध खुदाई से निर्मित गड्ढे लोगों के लिए बरसात में जानलेवा साबित होते हैं।
इन जगहों पर खनन की अनुमति
खनिज विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सूरजगांव में भवनीत तोमर को मिट्टी मुरम, बरपानी में संजय राय को पत्थर मुरम, बांदरबर्रू में कंछेदीलाल साहू को मिट्टी मुरम, तेंदूखेड़ा के बिचुआ में प्रखर मिनरल्स को मुरम की और गांगई गाडरवारा में अभिषेक
शर्मा को मिट्टी मुरम के उत्खनन की अनुमति दी गई है। इन पांच खदानों के अलावा जिले में करीब दो दर्जन से अधिक जगहों पर बिना अनुमति के सडक़ निर्माण कार्य के लिए खनिज का उत्खनन किया जा रहा है। गौरतलब है कि इन दिनों जिले में सबसे ज्यादा कार्य सडक़ निर्माण के चल रहे हैें। इनमें मुख्य मंत्री ग्राम संपर्क सडक़ योजना, प्रधानमंत्री सडक़ योजना और लोक निर्माण विभाग की सडक़ें शामिल हैं। इन सभी विभागों की सडक़ों में अर्थवर्क में मिट्टी मुरम आदि की जरूरत पड़ती है।
आंतरिक क्षेत्रों में हो रही खनिज की चोरी
जानकारी के अनुसार जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बनाई जा रही सडक़ों में उपयोग के लिए खनिज का चोरी से बड़े पैमाने पर
उत्खनन किया जा रहा है। इन जगहों पर अधिकारी निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचते और ग्रामीण ज्यादा मतलब नहीं रखते जिसकी वजह से सरकारी जमीन से बिना अनुमति के खनन किया जाता है। इन दिनों सडक़ निर्माण में सबसे खनिज की चोरी तेंदूखेड़ा क्षेत्र, गाडरवारा, चावरपाठा और गोटेगांव में की जा रही है। चावरपाठा में एक भी मुरम की स्वीकृत खदान नहीं है फिर भी यहां बनाई जा रही कई सडक़ों में इसका उपयोग हो रहा है।
नियमानुसार सडक़ निर्माण में उपयोग किए जाने वाले खनिज की रॉयल्टी का भुगतान विभाग द्वारा ठेकेदार के बिल से काट कर खनिज विभाग को किया जाता है। पर खनिज विभाग इस बात की कभी जांच नहीं करता कि किस ठेकेदार ने किस स्वीकृत खदान से कितनी मात्रा में खनिज प्राप्त किया और ठेकेदार को कितना भुगतान किया। न ही ठेकेदार के भुगतान से रॉयल्टी काटने वाला विभाग इस बात की जानकारी मांगता है कि ठेकेदार ने किस अधिकृत खदान से खनिज प्राप्त किया। इसी बात का फायदा उठाकर अवैध खनन कर शासन को लाखों के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है।
वर्जन
जिले में मिट्टी मुरम, पत्थर मुरम और मुरम की सिर्फ ५ खदानें स्वीकृत हैं। सरकारी विभाग ठेकेदारों के बिल से रॉयल्टी काट कर हमारे विभाग को भुगतान करते हैं। अवैध खनन पर समय समय पर कार्रवाई की जाती है।
एसएस बघेल, प्रभारी खनि अधिकारी
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