शंकराचार्य मेरे गुुरु, पिताजी भी उनके शिष्य
शंकराचार्य स्वरूपानंद के दर्शन के बाद केंद्रीय मंत्री पटेल ने उन्हें अपना गुरु बताया. उन्होंने कहा कि मेरे पिता शंकराचार्य के दीक्षित शिष्य हैं और मैंने भी उनसे ही दीक्षा ली है। महाराजजी स्वस्थ रहें, शतायु हों, मां भगवती से यही प्रार्थना है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि तीस वर्ष बाद यहां आया। तीन दशक पहले ऐसा कोई साल नहीं बीता था जब हम लोग यहां न आए हों। पढ़ाई के वक्त यहां पिकनिक मनाने आते थे और राजनीति करने लगे तो हम परमहंसी कार्यकर्ताओं के साथ परमा के दिन यहां आते थे।
माता त्रिपुर सुंदरी की पूजा अर्चना की
केंद्रीय मंत्री पटेल ने अपनी पत्नी, बच्चों सहित भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी माता के भी दर्शन किए. विधिवत पूजा—अर्चना भी की. परिसर के अन्य मंदिरो में भी दर्शन-पूजन किया। इस मौके पर उनके साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व गोटेगांव के कांंग्रेसी विधायक एनपी प्रजापति भी मौजूद रहे।
ज्ञातव्य है कि पिछले करीब 20 वर्षों से केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के घोर विरोधी माने जाते रहे हैं। कई साल पहले शंकराचार्य के शिष्य सदानंद पर हमला हुआ था जिसमें उनके भाई जालम सिंह का नाम सामने आया था। जानकारी के अनुसार शंकराचार्य से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई, उन्होंने केवल दर्शन किए। शंकराचार्य के दर्शन कराने में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति की महत्वपूर्ण भूमिका रही। शंकराचार्य के सचिव सुबुदधानंद से प्रह्लाद पटेल की बातचीत हुई. उन्होंने शंकराचार्य का एक चित्र भी मंत्री प्रहलाद पटेल को भेंट किया। परमहंसी आश्रम में वे करीब डेढ़-पौने दो घंटे तक रहे. इसके बाद केंद्रीय मंत्री पटेल परिजनों सहित गोटेगांव के लिए रवाना हो गए।