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जिले भर में एक दर्जन से ज्यादा नर्सिंग होम संचालित, फायर एनओसी केवल तीन के पास

locationनरसिंहपुरPublished: Nov 23, 2021 10:51:17 pm

Submitted by:

ajay khare

जिले भर में एक दर्जन से ज्यादा निजी अस्पताल व नर्सिंंग होम संचालित हैं पर अभी तक यहां केवल तीन अस्पतालों के पास ही फायर एनओसी है।

Fire at seven places, fire fighters got control over time

Fire at seven places, fire fighters got control over time

नरसिंहपुर. भोपाल के हमीदिया अस्पताल के एसएनसीयू में हुए अग्निकांड के बाद यहां जिले भर में संचालित सरकारी और निजी अस्पतालों के लिए फायर एनओसी के लिए जिम्मेदारों की नींद खुली है। गौरतलब है मध्यप्रदेश उपचर्या गृह तथा रूजोउपचार संबंधी स्थापना अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 के तहत पंजीकृत समस्त नर्सिंग होम में फायर एनओसी होना आवश्यक है। इस संबंध में नगरीय प्रशासन विभाग से फायर एनओसी प्राप्त कर सात दिवस में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं ।
केवल तीन अस्पतालों के पास फायर एनओसी
असतालोंं में आगजनी से अस्पताल और मरीजों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग और नगरीय प्रशासन कितना गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिले भर में एक दर्जन से ज्यादा निजी अस्पताल व नर्सिंंग होम संचालित हैं पर अभी तक यहां केवल तीन अस्पतालों के पास ही फायर एनओसी है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भोपाल के हमीदिया अस्पताल जैसा कोई अग्रिकांड होने पर यहां निजी नर्सिंग होम मेंं मरीजों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। जिन अस्पतालों के पास फायर एनओसी है उनमें नीखरा अस्पताल, श्रीधाम अस्पताल और आशीष अस्पताल करेली शामिल हैं।
यह है नियम
फायर एनओसी जारी करने के लिए अग्निशमन इंजीनियर द्वारा अस्पताल का निरीक्षण कर समस्त अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता और उनकी क्रियाशीलता का निरीक्षण एवं परीक्षण किया जाता है। अग्निशमन इंजीनियर 25 बिंदुओं पर अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता और उनकी क्रियाशीलता का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं । जिनमें एक्सेस, वेट राइजर, डाउन कमर, होज रील, ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर सिस्टम, यार्ड हाइड्रेंट, अंडर ग्राउंड टेक विद ड्रा ऑफ कनेक्शन, फायर पंप, टैरेस टैस्ट, फायर फाइटिंग अप्लायंसेज, प्रेशराइजेशन सिस्टम, ऑटो डिटेक्शन सिस्टम, मैनुअल ऑपरेटेड इलेक्ट्रिकल फायर अलार्म सिस्टम, पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम विथ फैसिलिटी इमरजेंसी लाइट, ऑटो डीजी सेट, एलिमिनेटेड एग्जिट साइन, मींस ऑफ एस्केप, एमसीबी सहित अन्य बिंदु शामिल हैं।
जिला अस्पताल और गाडरवारा सिविल अस्पताल के पास नहीं फायर एनओसी
एक साल पहले ही लाखों की लागत से नए जिला अस्पताल भवन का निर्माण कराया गया था। पर अभी तक इनके पास भी फायर एनओसी नहीं है। बताया गया है कि फायर एंड सेफ्टी का ऑडिट जरूर कराया गया था पर अग्निशमन इंजीनियर द्वारा निरीक्षण कर इसकी एनओसी जारी नहीं की गई है।
खबर का असर-
शुरू हुआ एसएनसीयू में इमरजेंसी एक्जिट का काम
पत्रिका की खबर के बाद जिला अस्पताल के एसएनसीयू में इमरजेंसी एक्जिट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई। जानकारी के अनुसार निर्माण एजेंसी पीआईयू के अफसरों ने कलेक्टर के निर्देश पर एसएनसीयू का निरीक्षण किया। जिसके बाद इंजीनियरों और तकनीकी दल ने यहां इमरजेंसी एक्जिट बनाने के लिए रूपरेखा बनाई है।
वर्जन
एसएनसीयू में इमरजेंसी एक्जिट के लिए पीआईयू की टीम ने निरीक्षण किया है उस पर काम शुरू हो रहा है। जिला अस्पताल के पास फायर एनओसी नहीं है। फायर सेफ्टी के लिए ऑडिट जरूर कराया था। एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया गया है।
डॉ.अनीता अग्रवाल, सिविल सर्जन
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