नरसिंहपुरPublished: Nov 05, 2018 05:50:32 pm
ajay khare
इस बार नहीं बिक रहे चाईनीज और देवी देवता वाले पटाखे
Diwali
गाडरवारा। दीपावली की कल्पना बिना पटाखे, फुलझड़ी के नहीं की जा सकती। प्रतिवर्ष दीपावली के तीन चार दिन पूर्व पटाखा बाजार में पटाखों की दुकानें लगती हैं। जहां नगर से लेकर आसपास के गांव गांव के लोग आकर पटाखे, फुलझड़ी, आतिशबाजी, अनारदाने बम आदि खरीदकर धूमधाम से दीवाली मनाते हैं। पूर्व के बरसों में पटाखा बाजार कभी गंज स्कूल मैदान, पुराने बस स्टैंड तो बीते कुछ सालों में तालाब में भी पटाखा दुकानें लगाई गईं। वहीं तालाब की फेंसिंग होने के बाद सुरक्षा के लिहाज के उक्त दुकानें अब नई गल्लामंडी के गेहूं खरीदी वाले शेड में गत वर्ष से लगाई जाने लगी हैं। जहां इस बार भी लगभग 69 पटाखा व्यापारियों ने अपनी दुकानें सजाई हैं। यह दुकानें प्रतिवर्ष धनतेरस के पूर्व ग्यारस से लगने लगती हैं। जो दीपावली तक लगती हैं, कुछ दुकानें भाईदोज तक भी लगती हैं। रविवार शाम पत्रिका ने पटाखा बाजार का जायजा लिया तो अधिकतर दुकानें सज चुकी थीं। वहीं इक्का दुक्का दुकानें लगाई जा रही थीं। यहां दुकानदारों ने बताया कि इस बार बेहद मंदी का समय चल रहा है। हमें दुकानें बनाने का अधिक लेबर चार्ज वहन करना पड़ रहा है। वहीं ग्राहकी रुख कमजोर दिख रहा है। इस बार पटाखों के थोक बाजार में दस से बीस प्रतिशत तक की तेजी रही। जिससे पटाखे गत वर्ष से कुछ महंगे मिले। बाजार में नगर पालिका की ओर से सभी प्रकार की व्यवस्थाएं पटाखा दुकानदारों को मुहैया कराई गई हैं, जिनसे दुकानदार संतुष्ट दिखे।
दुकानदारों ने बताया कि यहां रोजाना सुबह दस बजे से रात बजे तक दुकानें खोली जा रही हैं। उनके द्वारा प्रशासन के नियमों का पूरा पालन किया जा रहा है। दुकानदारों ने बताया इस बार चाईनीज आईटम एवं देवी देवताओं के चित्र वाले पटाखों से सभी दुकानदार परहेज कर रहे हैं। सभी ने धनतेरस से खरीदी में उछाल आने एवं ठीक ग्राहकी होने की आशा जताई। वहीं सोमवार को धनतरेस से दुकानों पर ग्राहकों की पूछपरख भी सभी दुकानों पर होती रही। नगर के अलावा समीपी गांवों के लोग भी पटाखे खरीदने पहुंचते रहे।