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नरसिंहपुर का दो साल का बेटा, जबलपुर में मिला फुटपाथ पर

locationनरसिंहपुरPublished: Jan 21, 2021 02:59:00 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-16 दिन से खोज कर थक चुकी थी मां

16 दिन बाद मां से मिला बिछुड़ा दो साल का बेटा

16 दिन बाद मां से मिला बिछुड़ा दो साल का बेटा

नरसिंहपुर. एक दो साल का मासूम जो अपनी मां से बिछड़ गया। मां ने उसे खोजने की हर संभव कोशिश की लेकिन जब वह नहीं मिला तो वह भी थक हार कर बैठ गई। लेकिन आधुनिक तकनीक और ऊपर वाले की कृपा कि 16 दिन बाद फिर से उस मासूम को अपनी मां की गोद नसीब हो गई।
मासूम को सुरक्षित मातृ छाया में पहुंचाने और फिर उसकी मां से मिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एसआई सतीष झारिया और आरक्षक वीरेंद्र सिंह को आईजी भगवत सिंह चौहान ने एक हजार रुपए के नकद ईनाम व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि नरसिंहपुर के चिचली निवासी सुमन विश्वकर्मा (मासूम की मां) एक जनवरी को बेटे को लेकर खुद को दिखाने जबलपुर आई थी। दो जनवरी को उसने विक्टोरिया जिला अस्पताल में खुद को दिखाया और रात में स्टेशन पर ही रुक गई। तीन जनवरी की सुबह देखा तो उसका बेटा गायब था। तब से वह बेटे को ढूंढ रही थी। पर बीते मंगलवार से पहले तक महिला ने अपने बेटे के गुम होने की सूचना कहीं नहीं दी थी। सुमन के मुताबिक उसका पति राकेश विश्वकर्मा गांव-गांव घूमकर सिलाई मशीन ठीक करता है। इसके चलते वह कई-कई दिनों तक घर से बाहर रहता है।
सुमन बेटे को बदहवासी की हालत में पूरे शहर में ढूंढती रही। लेकिन जब बेटा नहीं मिली तो वह थकहार कर 16 जनवरी को नरसिंहपुर लौट आई। 18 जनवरी को उसके बड़े बेटे आकाश को पता चला कि जबलपुर में एक दो वर्ष का बच्चा फुटपाथ पर मिला है, तब उसने मंगलवार को अपने भाई के गुम होने की सूचना डायल-100 पर दी। इसके बाद जीआरपी जबलपुर के टीआई सुनील नेमा ने परिवार को बुलाया। यहां ओमती पुलिस से बात की। इसके बाद ओमती थाने के एसआई सतीश झारिया सुमन को लेकर मातृ छाया पहुंचे। वहां सुमन ने बेटे की पहचान की। फिर कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मासूम को उसके सुपुर्द किया गया।
बताया जा रहा है कि रविवार को चंदन वन के पास फुटपाथ पर मासूम को कोई रिक्शा वाला फुटपाथ पर छोड़ गया था। चार घंटे से फुटपाथ पर अकेले पड़े मासूम पर वहां से निकल रहे कॉलेज कॉलेज छात्र नमन चौकसे और उसके साथियों की नजर पड़ी। उन्होंने डायल-100 पर सूचना दी, तब ओमती थाने के एसआई सतीश झारिया आरक्षक वीरेंद्र सिंह, राजेंद्र कुमार, ड्राइवर राजकुमार भांवरे के साथ पहुंचे। मासूम को अस्पताल में चिकित्सक को दिखाने के बाद मातृ छाया में भेज दिया गया था। मासूम फ्रॉक में मिला था। पहले लोग उसे बच्ची समझते रहे। बाद में पता चला कि वह लड़का है।

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