scriptनगरपालिका की लापरवाही से नागरिक पीलिया और टाइफाइड की चपेट में | Nagarpalika's negligence against civilian jaundice and typhoid | Patrika News

नगरपालिका की लापरवाही से नागरिक पीलिया और टाइफाइड की चपेट में

locationनरसिंहपुरPublished: Sep 25, 2018 09:43:04 pm

Submitted by:

ajay khare

नरसिंहपुर। अधिकारियों और विभागों की धींगामस्ती जिला मुख्यालय पर लोगों की जान की दुश्मन बन गई है। इसका ताजा उदाहरण जिला मुख्यालय पर बीते दिनों से चल रहे पीलिया और टाइफाईड के रूप में देखा जा सकता है। अधिकारियों की नींद भी तब खुली है जब अखबारों व सोशल मीडिया से उन्हें जानकारी लगी। अब बरसात के गुजरने के बाद नगर के विभिन्न हिस्सों से पेयजल के नमूने लेकर पानी के उपचार की औपचारिकता पूरी करने में जुट गये।

After the rainy days, the water samples started and the pretense of water treatment

After the rainy days, the water samples started and the pretense of water treatment

नरसिंहपुर। शासन की मंशा है कि विभागों में नियमानुसार काम हों, लेकिन अधिकारी इसे धता बता रहे हैं। अधिकारियों और विभागों की धींगामस्ती जिला मुख्यालय पर लोगों की जान की दुश्मन बन गई है। जन स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार विभागों की लापरवाही का खामियाजा लोगों को अस्पतालों में पहुंच कर भोगना पड़ रहा है। इसका ताजा उदाहरण जिला मुख्यालय पर बीते दिनों से चल रहे पीलिया और टाइफाईड के रूप में देखा जा सकता है। यहां सैंकड़ों लोगो के बीमारी के चपेट में आने के बाद प्रशासन के अधिकारियों की नींद भी तब खुली है जब अखबारों व सोशल मीडिया से उन्हें जानकारी लगी। अब बरसात के गुजरने के बाद नगर के विभिन्न हिस्सों से पेयजल के नमूने लेकर पानी के उपचार की औपचारिकता पूरी करने में जुट गये। वहीं जानकारों के अनुसार पीने के पानी की जांच और उपचार रूटीन में बरसात शुरू होने के पहले की जानी चाहिए।
गौरतलब है नगरपालिका क्षेत्र में नियमानुसार समय पर पेयजल की जांच व उपचार नहीं होने की वजह से टाइफाइड व पीलिया जैसी बीमारी ने पैर पसार लिए हैं। बीमारी का प्रभाव देखते हुए आनन फानन क्लोरीन की दवा डालकर पानी का उपचार किए जाने का दावा नगरपालिका द्वारा किया गया है। पानी का उपचार करने के लिए मनमर्जी से डाली गई दवाई भी लोगों की परेशानी का सबब बन सकती है।
उल्लेखनीय है कि बारिश की शुरूआत यानि जून-जुलाई के माह में पेयजल स्त्रोंतो के संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है। इस कालखंड में पेयजल के नमूनों की जांच होना भी जरूरी रहती है, लेकिन नगरपालिका द्वारा इन सभी बातों से बेपरवाह रहते हुए सितम्बर माह में पेयजल नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है। सूत्रों का कहना है कि पेयजल सेंपल की जांच के लिए अभी भी पूरे क्षेत्र के नमूने नहीं पहुंचे हैं।
पीएचई विभाग में स्थित पेयजल सेंपल की जांच करने वाली लैब में अभी भी दर्जन भर सेंपल नगरपालिका क्षेत्र के जांच के लिए रखे हुए हैं। लैब प्रभारी ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व आए सेंपलों की जांच का काम पूरा किया जा चुका है। इसकी रिपोर्ट अधिकारियों के हस्ताक्षर होने के बाद नगरपालिका को दी जाएगी। इसमें पानी में संक्रमण या अन्य विषयों के संबंध में उपचार के लिए भी आवश्यक दवाईयां बताई जाती है। अब प्रश्न यह है कि जब पानी की जांच रिपोर्ट ही नहीं आई है तो फिर नगरपालिका द्वारा मनमाने ढंग से क्लोरीन दवा डालकर उपचार किस हिसाब से कराया गया है।
रोगजनक जीवाणु और विषाणु घुल मिलने से पेयजल अशुद्ध बनता है। ये सूक्ष्म जीव मनुष्य और जानवरों के मल से पानी में प्रविष्ट होते है। शहरों में पेय जल के नलो में गंदा पानी घुसकर पेयजल असुरक्षित बनाता है। इसिलिये घरेलू सुरक्षा भी जरुरी है। पानी में रसायन आदि मिलकर भी पानी खराब होता है, लेकिन रासायनिक प्रदूषण जॉंचने के लिये घरेलू तरीके नही है। बोअरवेल पानी का रासायनिक विश्लेषण हर वर्ष एक बार तो करना चाहिये।
मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा 22 सितम्बर को एक विज्ञप्ति भी जारी की गई है, जिसमें उल्लेख है कि समाचार पत्रों एवं सोशल मिडिया के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि शहर के कई स्थानों में पीलिया-उल्टी दस्त आदि बीमारी का प्रभाव देखा जा रहा है जो कि दूषित जल अथवा दूषित खानपान से उत्पन्न होती है नगरपालिका द्वारा एहितयात बरते हुए निकाय के सभी टयूबवेलों में क्लोरीन दवा डलवायी गयी है तथा गंदे पानी संबंधी शिकायतों का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। विज्ञप्ति में अपील की गई है कि पानी को उबालकर पियें तथा प्रदूषित भोजन से बचे साथ ही उक्त बीमारियों के लक्षण पाये जाने पर चिकित्सक से सलाह लें एवं घरों के आस-पास साफ-सफाई रखेें।
इनका कहना है
नगरपालिका नरसिंहपुर के अगस्त व सितम्बर माह में दो बार पानी के सेंपल जांच के लिए आए हैं। इनकी जांच रिपोर्ट तैयार कर एसडीओ पीएचई को दी गई है। पानी की जांच के बाद आई स्थिति के आधार पर जल उपचार के संबंध में भी जानकारी रिपोर्ट के आधार पर दी जाती है।
रघुवीर सराठे
लैब टैक्नीशियन पीएचई नरसिंहपुर

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