नरसिंहपुर

१० साल में १५ हजार युवाओं को मिला रोजगार, बेरोजगारी फिर बनी मुद्दा

होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत नरसिंहपुर जिले का हाल

नरसिंहपुरApr 16, 2019 / 10:41 pm

abishankar nagaich

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नरसिंहपुर. इस लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है, सभी प्रम़ुख दल युवाओं को रोजगार देने की बात कर रहे हैं पर दूसरी ओर यदि पिछले १० साल में कांग्र्रेस और भाजपा के राज में युवाओं को मिले रोजगार के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो हालात बहुत चिंताजनक नजर आते हैं। शासन की विभिन्न रोजगार परक योजनाओं के तहत होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र अंतर्गत नरसिंहपुर जिले में एक दशक में महज लगभग १५ हजार युवाओं को ही काम मिल सका है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजनीतिक दलों द्वारा युवाओं की बेरोजगारी दूर करने की बात हकीकत की कसौटी पर कितनी खरी उतर सकी है।
६ योजनाएं ८ विभाग फिर भी हजारों बेरोजगार
युवाओं को स्वरोजगारी बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जो योजनाएं चलाई गईं उनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना,कृषक उद्यमी योजना, आर्थिक कल्याण योजना, सावित्रीबाई फुले स्व सहायता समूह योजनाएं शामिल हैं। युवाओं को स्वरोजगारी बनाने के लिए ९ एजेंसियां काम कर रही हैं जो युवाओं से आवेदन प्राप्त कर उनके लिए बैंकों से लोन स्वीकृत कराती हैं। इनमें जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, आदिम जाति कल्याण विभाग, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग, जिला अंत्यावसायी, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, हथकरघा व माटीकला विभाग, जिला शहरी विकास अभिकरण एवं खादी ग्रामोद्योग आयोग शामिल हैं।
युवा उद्यमी योजना में महज १२५ को मिला लाभ
चुनाव में युवाओं पर फोकस किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर युवाओं को स्वरोजगारी बनाने के लिए काफी कम लक्ष्य रखा जा रहा है। पिछले ५ सालों में युवा उद्यमी योजना में महज १२५ युवाओं को रोजगार देने के लिए लक्ष्य तय किया गया था। वित्तीय वर्ष २०१८-१९ महज २४ का लक्ष्य रखा गया जिसके लिए ८५० लाख रुपए का प्रावधान किया गया। बैंकों को ४३ प्रकरण भेजे गए और बैंकों ने ३२ प्रकरण स्वीकृत किए। चुनाव में कृषकों की भी हालत सुधारने की बात कही जा रही है पर शासकीय योजनाओं को लेकर यहां भी निराशाजनक स्थिति है। कृषक उद्यमी योजना के तहत २१० का लक्ष्य रखा गया था पर बैंकों को सिर्फ २६ प्रकरण ही भेजे गए जिनमें बैंकों ने सिर्फ १६ प्रकरण स्वीकृत किए।
इनका कहना है
मोदी सरकार बेरोजगारों को रोजगार दिलाने का भरोसा देकर केंद्र में सत्ता में आई थी पर इन पांच सालों में होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत नरसिंहपुर जिले के युवाओं को रोजगार नहीं मिला। काफी निराशाजनक स्थिति है।
रोहित पटेल,युवा कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष
मोदी सरकार में अकेले प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत इन पांच वर्षों में ५०० से अधिक प्रकरण स्वीकृत किए गए, इसके अलावा अन्य योजनाओं के तहत युवाओं को स्वरोजगारी बनाया गया है। युवाओं को काम मिला है।
विनीत नेमा, जिलाध्यक्ष युवा मोर्चा

बाहरी युवकों को मिला काम स्थानीय रहे उपेक्षित
यहां उद्योगों के नाम पर एनटीपीसी और सुगर मिलें ही थोड़ा बहुत रोजगार के अवसर प्रदान करती हैं पर इन दोनों ही संस्थानों में बहुत कम संख्या में स्थानीय युवकों को नौकरियां मिली हैं। एनटीपीसी में बाहरी एजेंसियां काम कर रही हैं जिन्होंने दूसरे प्रांतों के युवकों को अपने यहां काम पर रखा है तो सुगर मिलों में भी यही स्थिति है। एनटीपीसी में स्थानीय युवकों को काम न देने को लेकर कई बार प्रदर्शन हुए और युवाओं ने लाठियां खाईं व जेल भी गए पर उन्हें काम नहीं मिला।

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