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मौसम का कहर : सडक़ जलमग्न, घरों और दुकानों में भरा पानी

locationनरसिंहपुरPublished: Jun 23, 2020 11:16:54 pm

Submitted by:

Sanjay Tiwari

पहली बारिश में व्यवस्थाओं की खुली पोल : पानी निकासी पर्याप्त न होने के कारण जलमग्न हुआ नगर

सडक़ जलमग्न, घरों और दुकानों में भरा पानी

सडक़ जलमग्न, घरों और दुकानों में भरा पानी

गाडरवारा। इस सीजन की पहली बारिश में ही नगर में जहां-तहां पानी भर गया। सोमवार शाम हुई तेज बारिश का पानी नगर की जल निकासी के मुख्य साधन लड़ैया नाले से बराबर न निकल सका और नगर के निचले हिस्सों में जहां तहां भर गया। शिवालय चौक क्षेत्र में सडक़ पर दो से तीन फीट तक पानी बह रहा था। और झंडा चौक पर भी बीच सडक़ पर एक से दो फीट तक पानी बह रहा था। पुराने बस स्टेंड क्षेत्र की भी यही स्थिति थी। इन क्षेत्रों में कई दुकानों में पानी भर गया। पूरा नाला लबालब होकर बह रहा था। और ओवरफ्लो होने से पानी सडक़ों से बह निकला। नगर की अनेकों कालोनियों में भी नालियों से बराबर निकासी न होने के कारण न सिर्फ पानी सडक़ों के रास्ते बहा वरन कई जगह लोगों के घरों में भी भर गया।

नाले का लगातार बढाया जा रहा कैचमेंट
इस लड़ैया नाले में शहर के उन हिस्सों का पानी भी डाला जा रहा है जहां का पानी पहले नाले में नहीं आता था। एक ओर जहां नाले का कैचमेंट बढ़ा दिया गया है वहीं दूसरी ओर नाले की क्षमता बढ़ाने का कोई प्रयास नहीं हुआ है। बिना प्लानिंग के जल निकासी के मनमाने कार्य नगरवासियों के लिये मुसीबत का सबब बन रहे हैं। पुराने बस स्टेंड पर विस्तारित पुलिया तक नाली निर्माण न किया जाना भी इसी का उदाहरण है। जिसके बारे में पत्रिका द्वारा मुद्दा पूर्व में उठाया गया था। परंतु नगरपालिका प्रशासन उदासीन रहा जिसके कारण उस क्षेत्र के लोगों को जल भराव का अतिरिक्त खामियाजा उठाना पड़ा।

नाले की उचित सफार्ई न होना है कारण
जल निकासी का साधन लड़ैया नाला पुराने बस स्टेंड से शुरू होकर शहर के मध्य से होते हुए नये बस स्टेंड से होते हुए शक्कर नदी में जाकर मिलता है। यह नाला नये बस स्टेंड तक तो पक्का बना हुआ है पर उसके बाद कच्चा है। नगरपालिका द्वारा इतने वर्षों में इसे पूरा पक्का करने का कभी प्रयास ही नहीं हुआ। कच्चे नाले को बारिश के पहले हर वर्ष नगर पालिका द्वारा साफ कराया जाता है। पर लगता है इस कोरोना काल में नाले की सफाई उचित तरीके से नहीं हुई जिसके चलते पानी का उचित निकास वहां से नहीं हो सका। और नाले में पानी के बहाव की स्पीड कम हो जाने से पानी ठिल कर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में भर गया। नाले के बहाव में कमी होने से नालियों से भी पानी की नाले तक निकासी भी ठिल गई। जिसका खामियाजा नगर के लोगों को उठाना पड़ा।

तात्कालिक और लंबे समय के उपाय जरूरी
जल निकासी हेतु नगरपालिका पशासन को तुरंत ही तात्कालिक उपाय करने चाहिये जिसमें कच्चे नाले की व पूरे नाला क्षेत्र की तरीके से सफाई तुरंत आवश्यक है। पुराने बस स्टेंड पर पुलिया का कैचमेंट सही किया जाए साथ ही लंबे समय के उपाय भी आवश्यक हैं। नाले से सही निकासी हो सके इसके लिये आवश्यक है कि नये बस स्टेंड से शक्कर नदी तक नाले को उचित ग्रेडियेंट के साथ पक्का किया जाए। साथ ही नाले की केपेसिटी बढ़ाये बिना उसका कैचमेंट एरिया न बढ़ाया जाये। इस हेतु कोई और क्षेत्र की नालियों को इस नाले से जोड़ा जाना घातक होगा।

आंधी-बारिश में बिजली व्यवस्था हुई छिन्न-भिन्न
गाडरवारा. सोमवार शाम शहर में तेज हवा के साथ जोरदार बारिश हुई। जिसके चलते शाम को ही शहर की बिजली गोल हो गई। लाइन में आये फाल्ट सुधारते सुधारते देर रात ही बिजली वापिस आ पाई। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि बारिश के पूर्व विधिवत बिजली लाइन बंद करके विद्युत विभाग द्वारा लाइनों का मेन्टेनेस किया गया था। परंतु सीजन की पहली बारिश में ही लाइनों की सारी व्यवस्था छिन्न भिन्न हो गई। आलम यह है कि जरा सी हवा या बारिश होने पर लाइन में कहीं न कहीं फाल्ट आ जाता है। उसे सुधारने में लंबा समय लगता है और आमजन परेशान होता रहता है।

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