प्रदेश के स्वास्थ्य महकमें की ओर से 12 सितंबर को जारी रिपोर्ट के मुताबिक एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या के मामले में नरसिंहपुर छठवें स्थान पर था। लेकिन उस रिपोर्ट के बाद जिस तरह से कोरोना संक्रमितों की बाढ आई जिले में उससे जिला एक पायदान ऊपर चढ कर पांचवें स्थान पर पहुंच गया। फिलहाल नरसिंहपुर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 600 तक पहुंच गई है।
ये भी पढें- कोरोना संक्रमण पर नहीं हो रहा था नियंत्रण, कलेक्टर ने की ये बड़ी कार्रवाई वहीं प्रदेश का खरगौन जिला 571 मरीजों के साथ छठे नंबर पर है। वैसे सक्रिय मरीजों की संख्या के मामले में इंदौर की बादशाहियत अब भी कायम है। इंदौर में 4776 एक्टिव मरीज हैं। दूसरे नंबर पर भोपाल 1800, तीसरे नंबर पर ग्वालियर 2037 और चौथे नंबर पर 1266 मरीजों के साथ जबलपुर है।
यहां बता दें कि जब पूरा देश कोरोना संक्रमण की गिरफ्त में था। प्रधानमंत्री को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन घोषित करना पड़ा। मध्य प्रदेश में भी जबलपुर उस वक्त भी अव्वल रहा। वहीं इंदौर व भोपाल में कोरोना के केस तेजी से मिल रहे थे, लेकिन तब नरसिंहपुर में कोरोना वायरस का नामोनिशान नही था। यहां तो 24 मई को चावरपाठा ब्लाक के अंतर्गत बिल्थारी में मजदूर के संक्रमित होने के बाद आसपास के नांदिया, बिल्हेरा गांव में तीन अन्य मरीज भी मिले। इसके बाद जून, जुलाई अगस्त तक कोरोना संक्रमितों व सक्रिय केसों की संख्या नियंत्रण में रही। 1 सितंबर तक की स्थिति में जिले में कोरोना के कुल मरीज 422 थे, जिनमें सक्रिय केसों की संख्या मात्र 94 रही।
2 सितंबर को पहली बार सक्रिय केसों की संख्या 100 के पार गई, फिर अगले 5 दिन में सक्रिय केस बढ़कर 206 तक पहुंच गए। 8 सितंबर से हालात जो बिगड़ने शुरू हुए वो निरंतर जारी है। इन पांच दिनों में हर दिन सौ से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए। नतीजतन संक्रमितों का आंकड़ा 1211 पर तो पहुंचा। साथ ही सक्रिय केसों की संख्या भी 600 हो गई। वहीं बात कुल संक्रमितों की बात करें तो, इस मामले में नरसिंहपुर जिला प्रदेश में 19वें व संभाग में दूसरे पायदान पर है।