अब अगर नरसिंगपुर को लें तो यहां ये कयास लगाया जा रहा है कि जून के अंत तक 2568 कोरोना संक्रमित हो जाएंगे। लेकिन ऐसा होने पर उन पॉजिटिव लोगों का इलाज कैसे होगा, इसकी तैयारी अभी तक तो नही दिख रही है। जानकारों की मानें तो जिले की जो स्थिति दिख रही है उसके मुताबिक 5 वेंटीलेटर व 27 आईसीयू बेड होने ही चाहिए। आलम यह है कि यहां महज एक वेंटिलेटर है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि मार्च में ही तीन वेंटिलेटर का आर्डर किया गया था पर अब तक उपलब्ध नहीं हो सका है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले का स्वास्थ्य विभाग कोरोना विभीषिका से कैसे जूझेगा।
कहने के लिए जिला अस्पताल में 45 बेड का डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर तैयार किया जा रहा है। इसके लिए सेंट्रल ऑक्सीनजन सप्लाई सिस्टम पर काम किया जा रहा है। इसके लिए तकनीकी स्टॉफ काम कर रहाहै। बताया जा रहा है कि यह काम जल्द पूरा हो जाएगा। लेकिन सवाल यह कि क्या इससे कोरोना से जंग जीती जा सकेगी। विभागीय सूत्र तो यहां तक बता रहे हैं कि जिले में आवश्यक दवाएं भी फिलहाल पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं। न ही इसके आर्डर ही दिए गए हैं।
लेकिन सीएमएचओ एमयू खान का दावा है कि स्टॉक में सामग्री उपलब्ध है। खत्म होने से पहले सब मंगा लिया जाएगा। ऑर्डर देने की प्रक्रिया चलती रहती है। कोरोना से निबटने को हमारी तैयारी पूरी है।
लेकिन सीएमएचओ एमयू खान का दावा है कि स्टॉक में सामग्री उपलब्ध है। खत्म होने से पहले सब मंगा लिया जाएगा। ऑर्डर देने की प्रक्रिया चलती रहती है। कोरोना से निबटने को हमारी तैयारी पूरी है।