scriptबच्चा वार्ड में नहीं व्यवस्थाएं इलाज के लिए जाना पड़ता है नरसिंहपुर | No arrangements in child ward have to go for treatment Narsinghpur | Patrika News

बच्चा वार्ड में नहीं व्यवस्थाएं इलाज के लिए जाना पड़ता है नरसिंहपुर

locationनरसिंहपुरPublished: May 31, 2019 08:19:50 pm

Submitted by:

ajay khare

.एक तरफ जहां स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की दिशा में शासन द्वारा तरह -तरह की योजनायें बनाई जा रही हैं वहीं दूसरी तरफ तहसील मुख्यालय तेन्दूखेड़ा का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कर्मचारियों के अभाव के कारण चल नहीं पा रहा है

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.एक तरफ जहां स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की दिशा में शासन द्वारा तरह -तरह की योजनायें बनाई जा रही हैं वहीं दूसरी तरफ तहसील मुख्यालय तेन्दूखेड़ा का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कर्मचारियों के अभाव के कारण चल नहीं पा रहा है

तेन्दूखेड़ा.एक तरफ जहां स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की दिशा में शासन द्वारा तरह -तरह की योजनायें बनाई जा रही हैं वहीं दूसरी तरफ तहसील मुख्यालय तेन्दूखेड़ा का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कर्मचारियों के अभाव के कारण चल नहीं पा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तेन्दूखेड़ा में नवजात स्त्रीकरण इकाई (बच्चा वार्ड) 2 वर्षों से बनकर तैयार है। इसमें कर्मचारियों की पदस्थापना न होने और कुछ आवश्यक व्यवस्थाओं के अभाव में वार्ड शोभा की सुपाड़ी बनकर खाली पड़ा हुआ है। इस वार्ड के प्रारंभ हो जाने से जहां नवजात शिशुुओंं की तत्काल जांच के साथ उपचार की दिशा में आवश्यक व्यवस्था (इलाज) मुहैया कराई जा सकती है। यहां के लोगों को छोटी छोटी सी समस्याओं को लेकर नवजातों को जबलपुर नरसिंहपुर या किसी बड़ी जगह लेकर जाना पड़ता है। नवजात को पीलिया जैसी बीमारी देखने को मिला करती है और इस बीमारी के इलाज को लेकर आवश्यक सुविधाओं के अभव के कारण किसी बड़ी जगह के लिये भेजना पड़ता है। वार्ड को दो वर्ष पूर्व व्यवस्थित तरीके से बनवाया तो गया था पर इसे संचालित करने वाले प्रशिक्षु कर्मी न होने और एसी की व्यवस्था न होने के कारण यह वार्ड अनुपयोगी पड़ा हुआ है। जिसमें जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ जिले के उच्च अधिकारी यदि थोड़ा सा ध्यान दें तो निश्चित तौर पर एक बहुत बड़ी सुविधा इस क्षेत्र को मिलने लगेगी।
प्रतिमाह जन्म लेते है 70-80 बच्चे
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तेंदूखेड़ा में प्रत्येक माह 70 से 80 बच्चें जन्म लिया करते हैं। इस केन्द्र में सागर रायसेन जिले की भी महिलायें डिलेवरी हेतु यहां पहुंचा करती हंै। जन्म लेने के उपरंात कई प्रकार की सुविधााओं की आवश्यकता तात्कालिक रूप से महसूस की जाती है। लेकिन अभाव के चलते बाहर भेजना मजबूरी हो जाती है। वास्तव में तहसील मुख्यालय पर यह व्यवस्था काफी लम्बे समय से महसूस की जा रही है। लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई ठोस और सार्थक पहल नहीं हो सकी है।
लेबर वार्ड में नहीं है दाईयां
तहसील मुख्यालय तेन्दूखेड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द में डिलेवरी कराने प्रत्येक माह 70 से 80 प्रकरण आते है, जिनमें पड़ोसी जिलों के सीमावर्ती ग्रामों की महिलाएं भी शामिल हंै। लेकिन गंभीर विषय यह है कि डिलेवरी कराने दाईयों की व्यवस्था न होने के कारण अलग से दाईयों की व्यवस्था करके भुगतान भी करना पड़ता है। चूंकि बाहरी दाई डिलेवरी कराकर तो चली जाती है। लेकिन गंदगी साफ सफाई की व्यवस्था को लेकर गंभीर स्थिति बनती हैै। ऐसी स्थिति में डिलेवरी कराने वाले कर्मी भी हैरान परेशान होते देखे जा सकते हंै। प्रसूति वार्ड में दो दाईयों की व्यवस्था की जानी चाहिए। तहसील मुख्यालय एनएच 12 पर होने के कारण आवागमन की सुविधा के चलते यहां पर ग्रामीण क्षेत्रों की जननियां बड़ी संख्या में पहुंचती है।
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