मंडी में आए किसानों के लिए पेयजल की व्यवस्था परेशानी भरी है जहां पानी की टंकी बनी है उनके आसपास चारों ओर गंदगी है । किसानों को गंदगी के बीच पानी भरना पड़ता है। गौरतलब है कि एक और पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है वहीं यहां किसानों को गंदगी के बीच पेयजल के लिए जाना पड़ रहा है।
किसानों के लिए बनाए गए सुविधा घर बदहाल हैं जिनका उपयोग करने में भी किसानों को परेशानी होती है ऐसी वातावरण में कई किसान तो आस पास मैदान तलाशते हैं। नहीं मिल रहा रियायती दर पर भोजन
किसानों को यहां रियायती दर पर भोजन की कोई व्यवस्था नहीं है जिस ठेकेदार द्वारा कैंटीन का संचालन किया जा रहा है वह केवल चाय नाश्ता ही बेच रहा है। किसानों को रियायती दाम पर भोजन देने की योजना काफी समय से बंद पड़ी है।
किसानों के अल्प विश्राम या रात भर रुकने के लिए बनाया गया विश्राम गृह बंद पड़ा है, इसका उपयोग करने के लिए किसानों को भटकना पड़ता है। न तो उन्हें कक्ष की चाबी मिलती है और न ही वहां किसी तरह की अन्य सुविधाएं हैं।
ऐसी ठंड में कृषि उपज मंडी में अलाव की व्यवस्था न तो नगर पालिका की ओर से की गई है और न ही मंडी प्रशासन की ओर से। यहां देर तक रुकने वाले किसानों और हम्मालों को अपने स्तर पर आग का इंतजाम करना पड़ता है। मंडी परिसर में पड़ा कचरा जला कर ठंड से अपना बचाव करते हैं।
यहां अपनी फसल लेकर आने वाले ज्यादातर किसान शाम तक अपनी फसल बेच चुके होते हैं इसके बाद माल की लदाई और ढुलाई का काम चलता रहता है । मंडी में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था न होने की वजह से हम्मालों को अंधेरे में काम करना पड़ता है इससे उन्हें काफी समस्या का सामना करना पडता है।
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वर्जन
जिस दिन गुड़ की मंडी लगती है उस दिन किसानों के जूतों चप्पलों में गुड़ लगकर पानी की टंकी तक आता है जिससे गंदगी हो जाती है, विश्राम गृह में ईवीएम की सुरक्षा में लगे जवान रुके हैं। सफाई व्यवस्था पर और अधिक ध्यान दिया जाएगा।
आरके लांजीवार, सचिव कृउमं
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वर्जन
कृषि उपज मंडी में किसानों के लिए उपयुक्त व्यवस्थाएं नहीं हैं जिससे किसान यहां रुक नहीं पाते। सर्दी में अलाव की कोई व्यवस्था नहीं है। जिला प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।
बाबूलाल पटेल, किसान नेता