विशेषज्ञ उदाहरण पेश करते हैं कि अमेरिका और ब्राजील जैसे देश भी टीकाकरण के बाद ही इस स्थिति में पहुंचा है कि वहां अब मास्क की जरूरत नहीं, जबकि अपने देश में लोगो की लापरवाही और टीकाकरण से भागने का ही नतीजा है कि लोगों को डबल मास्क लगाने की सलाह दी जा रही है।
ऐसा ही कुछ मामला नरसिंहपुर में भी आया। यहां वो वर्ग टीकाकरण से भाग रहा है जिस पर समाज को जागरूक और शिक्षित करने का दायित्व है। ये शिक्षक हैं। जिला शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले के 45 वर्ष से अधिक आयु के करीब 2800 शिक्षकों में से 359 शिक्षकों को टीका नहीं लगा है। ऐसे में अब विभाग ने ऐसे शिक्षकों के विरुद्ध सख्त रुख अख्तियार किया है। टीका न लगवाने वाले 359 शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है। इन सभी से अब तक टीका न लगवाने का कारण पूछा गया है।
बता दें कि जिलेभर में टीकाकरण के लिए विशेष टीकाकरण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग कोविड का टीका लगवा सकें। स्कूल शिक्षा विभाग भी शिक्षकों और उनके परिजनों के लिए विशेष टीकाकरण सत्र आयोजित कर रहा है। विभाग ने कुछ दिन पहले टीका न लगवाने वाले शिक्षकों की जानकारी भी एकत्रित कराई थी और जब यह पता चला कि 45 वर्ष से अधिक आयु वाले करीब 359 शिक्षकों ने टीका नहीं लगवाया है तो उन्हें नोटिस जारी किया गया।
“विभाग में 45 वर्ष से अधिक आयु के 359 शिक्षकों को टीका न लगवाने पर नोटिस दिए गए है। इस आयुवर्ग में करीब 2800 शिक्षक है। अभी उच्च जोखिम वाले वर्ग में शिक्षकों का टीकाकरण हो रहा है। इस वर्ग में जो टीका नहीं लगवा पाएंगे उनके बारे में जानकारी ली जाएगी।”-एके इंगले, जिला शिक्षा अधिकारी नरसिंहपुर