जानकारी के मुताबिक जैसे किसी मरीज को बाहर रेफर होने की जरूरत पड़ती है तो अस्पताल के ही कुछ कर्मचारी मरीज के परिजनों को समझा बुझाकर उन्हें प्राइवेट एम्बुलेंस संचालकों के हवाले कर देते हैं। इसके बाद फिर एम्बुलेंस चालक मरीजों के परिजनों से मनमाना किराया वसूलते हैं । जानकारी के मुताबिक जबलपुर तक के 90 किलोमीटर के सफर के लिए 2000 तक वसूल लेते हैं जबकि इससे अधिक दूरी और ले जाने के लिए 10 से १२ रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से राशि वसूली जाती है।
कई एम्बुलेंस में नहीं है आवश्यक सुविधाएं
जिला अस्पताल में खड़ी हो रही कुछ निजी एम्बुलेंस में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हंै । न तो लाइफ सपोर्ट सिस्टम है और न ही पैरामेडिकल स्टाफ की सुविधा है जिसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है एक ओर शासन जहां लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली बड़ी एम्बुलेंस सेवा संचालित कर रही है तो वहीं निजी एम्बुलेंस वाले ज्यादातर ओमनी वैन जैसी छोटी गाडिय़ों के माध्यम से एम्बुलेंस सेवा प्रदान कर रहे हैं जिसमें मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
जिला अस्पताल में खड़ी हो रही कुछ निजी एम्बुलेंस में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हंै । न तो लाइफ सपोर्ट सिस्टम है और न ही पैरामेडिकल स्टाफ की सुविधा है जिसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है एक ओर शासन जहां लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली बड़ी एम्बुलेंस सेवा संचालित कर रही है तो वहीं निजी एम्बुलेंस वाले ज्यादातर ओमनी वैन जैसी छोटी गाडिय़ों के माध्यम से एम्बुलेंस सेवा प्रदान कर रहे हैं जिसमें मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वर्जन
शासकीय अस्पताल में वाहन खड़े करने वाले निजी एम्बुलेंस संचालकों की एक बैठक बुलाकर उन्हें समझाइश दी जाएगी। डॉ. विजय मिश्रा, सिविल सर्जन
शासकीय अस्पताल में वाहन खड़े करने वाले निजी एम्बुलेंस संचालकों की एक बैठक बुलाकर उन्हें समझाइश दी जाएगी। डॉ. विजय मिश्रा, सिविल सर्जन