लाखों रुपए के बिजली के सामान के तार जुड़े एक सहायक यंत्री से बचा रहे अफसर
नरसिंहपुरPublished: Jan 16, 2021 11:30:51 pm
पिछले दिनों एक आलीशान भवन को तोडऩे के बाद वहां से जो लाखों रुपए का बिजली का सामान बरामद हुआ था उसके तार एक एई से जुड़े नजर आते हैं। प्रशासन ने इसकी जांच की जिम्मेदारी बिजली कंपनी के अफसरों को सौंपी है। सूत्रों की मानें तो जिस व्यक्ति का भवन तोड़ा गया उसके नजदीकी रिश्तेदार बिजली कंपनी में एई हैं
Underground electric cabling plan
नरसिंहपुर. पिछले दिनों एक आलीशान भवन को तोडऩे के बाद वहां से जो लाखों रुपए का बिजली का सामान बरामद हुआ था उसके तार एक एई से जुड़े नजर आते हैं। प्रशासन ने इसकी जांच की जिम्मेदारी बिजली कंपनी के अफसरों को सौंपी है। सूत्रों की मानें तो जिस व्यक्ति का भवन तोड़ा गया उसके नजदीकी रिश्तेदार बिजली कंपनी में एई हैं। लोगों का कहना है कि जब्त किया गया सामान बिजली कंपनी का है और एई के माध्यम से यहां रखा गया था। जबकि एई का कहना है कि यह सामान सड़क से पोल शिफ्टिंग कर रही एक कंपनी का था जो वहां रखा गया था। बताया गया है कि इस एई के पेट्रोल पंप को लाभ पहुंचाने के लिए पूर्व में नियम विरुद्ध रूप से ट्रांसफार्मर लगाया गया था। यह मामला भी पूर्व में चर्चा में रहा है। बिजली कंपनी के जांचकर्ता अफसर भी यही तर्क दे रहे हैं पर वे इस बात का कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं कि यदि सामान रखने के लिए भवन मालिक से यदि कोई अनुबंध किया गया था तो वह कहां है। जन चर्चा यह है कि बरामद किया गया सामान बिजली कंपनी का ही है और अब बचाव के लिए यह कहानी गढ़ी जा रही है कि सामान किसी ठेकेदार का है। इस बारे में विचारणीय बात यह है कि क्या कोई ठेकेदार राजमार्ग के आगे पोल शिफ्टिंग के काम के लिए वहां से ३० किमी दूर बरमान में अपना गोदाम बनाएगा। यह बात लोगों के गले नहीं उतर रही। वैसे मौके से जो लकड़ी बरामद हुई थी उसकी जांच वन विभाग ने पूरी कर ली है जिसका जल्द खुलासा हो सकता है।
वर्जन
जांच में भवन स्वामी ने यह बताया है कि एनएच पर पोल शिफ्टिंग करने वाली किसी ठेकेदार कंपनी का सामान रखा गया था पर इस संबंध में भवन स्वामी ने बिजली का सामान रखने का ठेकेदार से किया गया कोई अनुबंध पत्र उपलब्ध नहीं कराया है। जांच में किसी को बचाया नहीं जा रहा।
जेएस नंदा, प्रभारी एसई बिजली कंपनी
वर्जन
मौके से बड़ी मात्रा में सागौन की लकड़ी बरामद हुई थी। मौके पर यह पाया गया कि लकड़ी का उपयोग फर्नीचर बनाने में किया जा रहा था। जिसका नाप जोख कर लिया गया है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।
एमएस उइके, डीएफओ