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दवाओं का किया दस्तावेजों से मिलान, रिकार्ड में आग लगाने की भी ली जानकारी

locationनरसिंहपुरPublished: Jan 30, 2019 11:47:58 pm

Submitted by:

abishankar nagaich

लाखों केे दवा घोटाले में दिन भर चली, भोपाल से आए अफसरों ने दिन भर खंगाले दस्तावेज

medicine scam

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नरसिंहपुर. जिला अस्पताल के सिविल सर्जन दवा स्टोर में लाखों के घोटाला मामले में भोपाल से स्वास्थ्य विभाग के संचालक द्वारा भेजे गए अफसरों के दल ने बुधवार को यहां दिन भर जांच की। इस दौरान दवा स्टोर के लिए खरीदी गई दवाएं व मरीजों को वितरित की गई दवाएं और उनसे संबंधित दस्तावेजों के आधार पर उपलब्ध दवाओं का मिलान भी किया। प्रथम दृष्टया लाखों कही गड़बड़ी और अफसरों की मिलीभगत पकड़ में आई है । बुधवार को भी जांच जारी रहेगी। सूत्रों की मानें तो पिछले ३ सालों से दवा घोटाला चल रहा था जो करीब ५५ लाख तक पहुंच सकता है।

भोपाल से जांच करने के लिए सहायक संचालक डॉ. आईएस सिकरवार के नेतृत्व में एक टीम आई है । जिसमें प्रबंधक गोविंद पांडे और हिमांशु त्रिपाठी शामिल हैं । बुधवार सुबह कार्यालयीन समय में यह टीम जिला अस्पताल के दवा स्टोर कक्ष पहुंची और बारीकी से स्टोर से संबंधित दस्तावेजों की जांच करने की साथ ही दवाओं का भौतिक सत्यापन भी कराया। डॉंं. सिकरवार ने बताया कि हर बिंदु से जांच की जा रही है और जहां भी गड़बड़ी की आशंका है उस पर सूक्ष्म जांच की जा रही है । गौरतलब है कि जिला अस्पताल में दवा घोटाले के मामले में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने अधिकारियों की एक टीम बनाकर जांच कराई थी । प्रारंभिक जांच में फार्मासिस्ट और दवा स्टोर प्रभारी अमित तिवारी को दोषी पाया गया था । जिस पर कलेक्टर ने उन्हें निलंबित कर गोटेगांव अटैच कर दिया था । कलेक्टर दीपक सक्सेना ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिख कर जांच कराने का आग्रह किया था जिस पर भोपाल से एक टीम यहां जांच करने आई।
मंगलवार की रात फार्मासिस्ट अमित तिवारी ने अनाधिकृत रूप से दवा स्टोर में पहुंच कर कुछ दस्तावेजों और दवाओं को आग लगा दी थी । रात में ही इस घटना को लेकर कलेक्टर ने तहसीलदार राजेश मरावी और सीएमएचओ डॉ अनीता अग्रवाल को मौके पर भेज दिया था। जिसके बाद अमित को रात में ही पुलिस के सुपुर्द कर दिया था दूसरी ओर तहसीलदार राजेश ने घटना को लेकर पंचनामा बनाया था जिसे भोपाल से आए जांच दल को सौंप दिया गया। पूछताछ के बाद फार्मासिस्ट अमित तिवारी को कोतवाली पुलिस ने रात में ही छोड़ दिया था।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की एफआईआर दर्ज करने की मांग
जिला अस्पताल में लाखों की दवा घोटाले मामले में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बाबूलाल पटेल के नेतृत्व में जांच अधिकारी को एक ज्ञापन कर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की । ज्ञापन में कहा गया है कि यह मामला आम जनता के स्वास्थ्य और जीवन रक्षा से जुड़ा हुआ है । इससे पहले जिले में पीलिया जैसे संक्रमण के दौरान लोगों को न दवाई मिली और न जांच हुई । उक्त प्रकरण में 7 दिन के अंदर एफ आई आर दर्ज की जाए । ज्ञापन में इस बात का उल्लेख किया गया है कि यह पता किया जाए कि आखिर किसकी शह पर निलंबित फार्मासिस्ट जिला अस्पताल के स्टोर कक्ष में पहुंचा था।

वर्जन
दवा घोटाले की जांच हर बिंदु पर की जा रही है। खरीदी गई, मरीजों को वितरित की गईं और स्टाक में रखी दवाओं का सत्यापन किया जा रहा है। आगजनी की घटना का पंचनामा तहसीलदार से प्राप्त किया है। जांच रिपोर्ट विभाग के संचालक को सौंपी जाएगी।
डॉ.आईएस सिकरवार, जांच अधिकारी
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