स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक जिले के छह ब्लाक के 60 तालाबों व पोखरों में एक लाख से ज्यादा गंबूसिया मछली छोड़ी जा चुकी है। बताते हैं कि गंबूसिया मछली ऐसे मच्छरों के लार्वा का भोजन कर जाती है जिससे इनके पनपने का मौका ही पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
वैसे इस बार जिले में मलेरिया रोगियों की संख्या पिछले साल की तुलना में दोगुनी से ज्यादा बताई जा रही है। डेंगू का डंग भी लोगों को बीमार डाल रहा है। ऐसे में इन दोनों बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार ऐसी कार्रवाई कर रहा है जिससे इन मच्छरजनित रोगों से लोगों को बचाया जा सके। खास तौर से मलेरिया विभाग की टीम संवेदनशील क्षेत्रो में खासी सक्रियता बरत रही है।
डेंगू की जांच के लिए जिला अस्पताल में सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद से लोगों को काफी हद तक राहत मिली है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग भी तत्पर है, जैसे ही ऐसे रोगियों की जानकारी मिल रही है, विभाग फौरन मौके पर पहुंच कर संबंधित रोगियों का समय से इलाज शुरू कर दे रहा है।
इसी कड़ी में मलेरिया विभाग ने राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत लार्वा भक्षी एक लाख गंबूसिया मछली को पहले से चिन्हित किए गए छह ब्लाक के 60 पोखर-तालाबों में छुड़वाया है। साथ ही विभाग की टीम लोगों को रोग से बचाव के लिए भी गांव-गांव जाकर जागरूक कर रही है।