इस अवसर पर अशोक त्रिपाठी ने अपने चिर परिचित अंदाज में काव्य पाठ किया। सचिन नेमा, मानसिंह कुशवाह का भी काव्य पाठ स्तुत्य रहा। मंच का संचालन 12 वर्षीय पुष्पेंद्र बर्फी ने किया, बर्फी ने वीर भाव से कविता पाठ किया। वरिष्ठ साहित्यकार वर्मा ने अपने अंदाज में शहीद हुये वीरों को याद किया। राजस्थानी कवि णमोकार जैन विनीत बेदर्द समेत समस्त कवि गणों ने वीर रस से ओतप्रोत अपनी रचनाओं में सीमा पर नित रोज ही शहीद हो रहे भारतीय सेना के जवानों की शहादत का बदला लेने सरकार को ललकारा। पाक अधिकृत कश्मीर के साथ साथ बलूचिस्तान को भी आजाद कराने के लिए कविताओं में हुंकार भरी। नापाक आतंकवादियों कश्मीर में छुपे उनके हमदर्द देश के गद्दारों को एहसान फरामोशी न करने के लिए कविताओं में चुटीले अंदाज से चेतावनी दी गई।
शहीद स्मृति मंच नरसिंहपुर के संरक्षक एडवोकेट रमेश नेमा अध्यक्ष एडवोकेट रामस्वरूप पटेल डॉ. अनंत दुबे, संदीप नेमा, सुनील कोठारी एवं सुबोध शर्मा मदन ठाकुर सत्य प्रकाश त्यागी डा. आशुतोष शर्मा एस के चतुर्वेदी सहित गायत्री परिवार के महिला मंडल और बड़ी संख्या में श्रोताओं की उपस्थिति रही। शहीद स्मृति मंच की ओर से प्रमेश शंकर शर्मा ने गायत्री परिवार व उपस्थित जनसमूह, समस्त कवि गणों का आभार व्यक्त किया।