नरसिंहपुरPublished: May 16, 2019 06:15:56 pm
ajay khare
16 मई को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सालीचौका में राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया गया। इस हेतु आयोजित जागरुकता कार्यशाला में अस्पताल प्रभारी एवं सीबीएमओ डॉ एसके गुप्ता ने डेंगू रोग की उत्पत्ति उसके लक्षण व इससे बचाव की जानकारी दी।
Dengue day
विश्व डेंगू दिवस पर हुआ जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन
सालीचौका। 16 मई को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सालीचौका में राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया गया। इस हेतु आयोजित जागरुकता कार्यशाला में अस्पताल प्रभारी एवं सीबीएमओ डॉ एसके गुप्ता ने डेंगू रोग की उत्पत्ति उसके लक्षण व इससे बचाव की जानकारी दी। इस अवसर पर नगर परिषद से रामकुमार तिवारी, मलेरिया इंस्पेक्टर लाखन सिंह पटेल, संतोष अग्रवाल, आशा कार्यकर्ता व संस्था के कर्मचारी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है 16 मई 2019 को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के तारतम्य में वेक्टर जनित रोग डेंगू की जानकारी लक्षण, रोकथाम, बचाव, प्रबंधन हेतु सभी पीएचसी, सीएचसी, सेक्शनों, आरोग्य केंद्रों, ग्रामो में रैलियों एवं बैठकों के माध्यम से जनसमुदाय को जागरूकता लाने बाबत जनभागीदारी अनिवार्य की गई थी। इसी क्रम में डॉ एसके गुप्ता ने डेंगू रोग की सामान्य जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश को डेंगू मुक्त करने का लक्ष्य आज हमारे सामने है। ऐसा तभी संभव है। जब सब समुदाय के लोगों को डेंगू के विषय में सही जानकारी हो।
इसके लिए सबसे जरूरी है मच्छरों की रोकथाम की जाए। यह रोग एडीज एजिप्टी मादा मच्छर के काटने से संचालित होता है। इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते है। यह वायरल रोग है, इसके लक्षणों में अत्यधिक बुखार होना बीपी का कम होना, शरीर पर चक्कते होना, पूरे शरीर मे दर्द, सांस लेने में तकलीफ होना, उल्टी होना, चक्कर आना, बेहोशी होना इत्यादि होते हैं। डेंगू होने पर जो सावधानी बरती जानी हैं उनमें रोगी का स्वयं उपचार न करें। बुखार में पेरासिटामोल दें, सिर पर पानी की पट्टी रखें, पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीने को देें रोगी को एस्प्रिन, ब्रूफेन, बेबोरन टेबलेट न दिए जाएं तथा तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। मच्छर के रोकथाम हेतु आसपास पानी जमा न होने दें, गडढों को मिट्टी से भर दिया जाएं। नालियों में पानी जमा न होने देकर सफाई कराएं। आसपास जमा पानी में मिट्टी का तेल, जला हुआ आइल डलवा देें। कूलर, फूलदानों, नांद का पानी एक सप्ताह में खाली करें एवं पुन: साफ पानी भरें। घर में टूटे फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें इत्यादि न रखें। घर के दरवाजे, खिड़कियों में महीन जाली लगाकर मच्छरों को रोकें। मच्छरों को मारने, भगाने के लिए मच्छरनाशक क्रीम, स्प्रे मेट्स क्विल्स इत्यादि का इस्तेमाल करने, नीम की पत्तियों का धुआं एवं मच्छरदानियों का उपयोग किया जाने की जानकारी दी गई।