नरसिंहपुरPublished: Dec 25, 2018 06:27:45 pm
ajay khare
पलोहा बड़ा अनेक गांवों का केंद्र बिंदु होने से दर्जनों गांवों के लोग इसी गांव पर आश्रित हैं। लेकिन पशुओं के उपचार की व्यवस्था न होने से लोगों को मायूस होना पड़ता है।
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पलोहाबड़ा-गाडरवारा। पशु औषधालय पलोहा बड़ा में लंबे अरसे से चिकित्सक का पद रिक्त होने से ग्रामीण जनों को पशुओं के उपचार की समस्या से जूझना पड़ रहा है। जबकि पलोहा अंचल में दुग्ध डेरी का व्यवसाय तेजी से विकसित हो रहा है। लेकिन पशुओं का समुचित उपचार न होने से सभी पशु पालक चिंतित हैं। क्योंकि उपचार के अभाव में मवेशी बीमार होकर मरने पर कीमती पशुओं से हाथ धोना पड़ता है। पलोहा बड़ा अनेक गांवों का केंद्र बिंदु होने से दर्जनों गांवों के लोग इसी गांव पर आश्रित हैं। लेकिन पशुओं के उपचार की व्यवस्था न होने से लोगों को मायूस होना पड़ता है।
स्थानीय पशु पालक हरिगोविंद लोधी ने बताया कि उनक पूर्व में चार भैंसें उपचार के अभाव में मर चुकी हैं। जिससे अब पशु की संख्या बढ़ाने में जोखिम बढ़ गया है। बार बार मांग करने के बावजूद भी शासन स्तर से पशु चिकित्सक की पद स्थापना न करने से क्षेत्रीय जनों में आक्रोश पनप रहा है। गौरतलब रहे कि पंचायत के हेड स्टार्ट भवन में पशु औषधालय की व्यस्था स्कूल के पास की गई है। लेकिन चिकित्सक के अभाव में यह अनुयोगी बना हुआ है। केवल एकमात्र भृत्य के भरोसे पशु उपचार की औपचारिकताएं की जा रही हैं। क्षेत्र के दर्जनों ग्रामों के ग्रामीणजन नई सरकार के गठन से पशु औषधालय की बदहाली दूर होने की उम्मीद लगाए हुए हैं। क्षेत्र के पशु पालक गंगाराम पटेल, उमेश अवस्थी जो गोपाल पुरस्कार पा चुके हंै। जैसे सैकड़ों पशुपालक इस पशु औषधालय पर आश्रित हैं। ग्रामवासी नवागत कलेक्टर जनप्रतिनिधियों को पुन: आवेदन देकर पशु चिकित्सक की पदस्थापना कराने की मांग करने का मन बना रहे हैं।
इनका कहना,,
पूर्व में चिकित्सक की नियुक्ति पलोहा के लिए हुई थी। लेकिन तीन चार गांवों में पशु चिकित्सक का अभाव होने से उनका अटेचमेंट दूसरी जगह कर दिया था। अब मंत्रीमंडल के गठन के बाद पुन: चिकित्सक की मांग करेंगे।
जेपी शिव, उप संचालक
पशु चिकित्सा नरसिंहपुर